कुछ रातें देर से, सो लेता हूं..किसी की यादें नही,मेरी सच्चाई नम कर देती हैं,आंखे मेरी..— % & -
कुछ रातें देर से, सो लेता हूं..किसी की यादें नही,मेरी सच्चाई नम कर देती हैं,आंखे मेरी..— % &
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कुछ रातें देर से, सो लेता हूं..किसी की यादें तो नही,बस मेरी सच्चाई ही नम कर देती हैं,आंखे मेरी..— % & -
कुछ रातें देर से, सो लेता हूं..किसी की यादें तो नही,बस मेरी सच्चाई ही नम कर देती हैं,आंखे मेरी..— % &
हर नया इंसान,इक किताब की तरह हैं..जिसे बस समझने की ज़रुरत होती है.— % & -
हर नया इंसान,इक किताब की तरह हैं..जिसे बस समझने की ज़रुरत होती है.— % &
अभी मे एक टूटे काँच कि तरह हूं..जिसे टूटने के बाद,फिरसे जोडा तो नही जा सकता,मगर छेडे जाने पर, चुभ जरुर सकता हूं..इसलिए लोगो को तोड़ने दीजिये जितना वो चाहते है..असली.. मजा तो उन्हे चुभने के बाद आएगा.— % & -
अभी मे एक टूटे काँच कि तरह हूं..जिसे टूटने के बाद,फिरसे जोडा तो नही जा सकता,मगर छेडे जाने पर, चुभ जरुर सकता हूं..इसलिए लोगो को तोड़ने दीजिये जितना वो चाहते है..असली.. मजा तो उन्हे चुभने के बाद आएगा.— % &
अकेला इंसान सबसे ज़्यादा,ताकतवर होता है..क्यूंकि उसके पास आत्मविश्वास होता है.— % & -
अकेला इंसान सबसे ज़्यादा,ताकतवर होता है..क्यूंकि उसके पास आत्मविश्वास होता है.— % &
अन्धे तो हो गए हो मगर अब,गुलाम मत बन जाना इस मोहब्बत में..किसी एक की चाहत में, कहीं अपने पराये न हो जाये.— % & -
अन्धे तो हो गए हो मगर अब,गुलाम मत बन जाना इस मोहब्बत में..किसी एक की चाहत में, कहीं अपने पराये न हो जाये.— % &
अब दुबारा ना मिलना उस मोड़ पर,जहां चले गए थे, तुम मुझे छोड़कर..अगर देख भी लो कहीं, मुझे तुम..तो चल देना हमेशा की तरह मुंह मोड़कर.. -
अब दुबारा ना मिलना उस मोड़ पर,जहां चले गए थे, तुम मुझे छोड़कर..अगर देख भी लो कहीं, मुझे तुम..तो चल देना हमेशा की तरह मुंह मोड़कर..
(कांच का दिल)चलो.. उलझनों की, इक पतंग बनाते है ना..कुछ किस्से दुःख के, इस मांझे संग उड़ाते है ना..कोई न कोई तोड़ तो देगा ही तुम्हे,चलो.. इस बार कांच का नहीं मोम का,दिल बनाते है ना. -
(कांच का दिल)चलो.. उलझनों की, इक पतंग बनाते है ना..कुछ किस्से दुःख के, इस मांझे संग उड़ाते है ना..कोई न कोई तोड़ तो देगा ही तुम्हे,चलो.. इस बार कांच का नहीं मोम का,दिल बनाते है ना.
वो आँसु भी खुशनसीब होंगे,जिनको तुम्हारी पलको से बहनें कामौका मिलेगा. -
वो आँसु भी खुशनसीब होंगे,जिनको तुम्हारी पलको से बहनें कामौका मिलेगा.
हक हैं न तुम्हे तो, क्यूं नही जताते हो..इतना बुरा भी नही हूं, में जितना तुम बताते हो. -
हक हैं न तुम्हे तो, क्यूं नही जताते हो..इतना बुरा भी नही हूं, में जितना तुम बताते हो.