कांटों से गुजरकर जब हम गुलाब को पाते हैं वो खुशी ही अलग होती है उस खुशबू की ये काटें ही तो गुलाब को पाने की अहमियत बताते हैं हिफाज़त भी करते हैं वो अपने उस बेशकीमती गुल की कामयाबी भी कुछ ऐसी ही तो होती है जिंदगी के थपेड़ों से गुजरकर जब हम उस नामुमकिन सी मंजिल को पाते हैं बात ही अलग होती है उस कामयाबी की
जब जीत की खातिर नई राह चुनोगे जब हर कठिनाई से कभी डरोगे कभी जीतोगे बाधाएं तो बहुत ही आएंगी तुम्हारी राह में कभी जीत का जश्न तो कभी हार महसूस करोगे लेकिन कुछ भी हो जाए इतना ध्यान रखना उम्मीद जब तलक है तब तलक हार ना मानोगे रुक कर थोड़ी देर सुस्ता लेना फिर चलने को पर सपने को अपने थमने मत देना तुम अपने मन में कोई संशय मत रखना एक दिन तुम जरूर अपनी सफलता का परचम लहराओगे
हम हर तजुर्बे को परखेंगे थोड़ी राह मुश्किल है तो क्या कभी गिरेंगे, कभी संभलेंगे ठोकरें तो रास्ते की निशानी है हम हर ठोकर से सीखेंगे हारते हुए ही सही लेकिन एक ना एक दिन ज़रूर जीतेंगे
आधी प्याली चाय थका हुआ चश्मा बिखरे हुए कुछ पन्ने राह देखती कलम और मन में कुछ विचार आधे - अधूरे से सब मुकम्मल होने को तैयार और दुविधा में हम क्या लिखें आधेपन की क्या परिभाषा दें आधा भी तो कभी पूर्ण था और अपना कुछ खोकर ही तो इतना भी बच पाया है अधूरे की बात खास होती है पहले पूर्ण था और अब भी पूर्ण हो सकता है ख्याल का क्या है कुछ भी आ सकता है
ये पूनम का पूरा चांद तेरे शहर से भी तो पूरा ही दिखता होगा ना जैसे मैं रुक जाती हूं इसे देख तू भी एक पल को कहीं ठहर जाता होगा ना ये चांद कोई भेद भाव नहीं करता जितना मेरे पास है उतना ही तुम्हारे पास भी है वो एक हूक जो मेरे दिल में उठती है कहीं एक धुआं तेरे ज़हन में भी उठता होगा ना