उस मोड़ से शुरू करे फिर ये ज़िन्दगी... हर्षये जहा हसीन थे हम तुम थे अजनबी... ले कर चले थे हम जिन्हे ज़नत के ख्वाब थे.., फूलो के ख्वाब थे वो मोहब्बत के ख्वाब थे,, लेकिन कहा है इनमे वो पहले सी दिलकशी... अश्कों की चांदनी से बेहतर थीं वो धुप ही... उस मोड़ से शुरू करे फिर ये ज़िन्दगी..।।❤️🩹
तुम से मिलके कुच्छ क्यों बदल से गये थे हम...,, जहा से बचना मुश्किल था,, उस लम्हे में गिर कर संभाल से गये थे हम...। तुमने जो किया बेवफावई इतनी सिद्धत से..., ना चाहते हुये भी बदल से गये हम।।