Ansh   (अंश)
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Joined 30 January 2018


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Joined 30 January 2018
1 MAY AT 13:02

#sunona
आज के दौर में कहाँ समझ आती है चेहरे की लिखावट
जब तक पढ़ पाते तब तक चैप्टर आगे निकल जाता है

कोर्स में आँखों को अब ठीक से कोई पढ़ता भी नहीं
एहसास का हाल तो पूछो मत तुरंत सिलेबस बदल जाता है

मन का व्याकरण भी कहाँ समझ पाता है अब हर कोई
उधर देह का गणित समझने वाले का जैसे सब सँवर जाता है

मोहब्बत का ओल्ड कोर्स किए बैठे रहते हैं तने-तन्हा
मॉडर्न लव स्टोरी वालों का हर दिन मस्त गुज़र जाता है

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30 APR AT 9:56

#sunona

गर हरसिंगार सी
तेरे बातों की ख़ुशबू
बिखर जाएगी..

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28 APR AT 22:22

#sunona
सीखना है तुमसे धीरज रखना
कैसे बेचैन मन में संयम रखना

चाहते हो ज़िंदगी में सुकूँ ठहरे तो
धीमे चलना ख़ुद को सरल रखना

आँखों में नमी रहे होंठों पे हँसी
आग और पानी का संतुलन रखना

दुनिया एक पल में भुला देती सब कुछ
बस आईने के सामने पत्थर रखना

दुआ करो वो जहाँ रहे खुश रहे अंश पर
अपनी संतुष्टि के लिये उसका नंबर रखना

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22 APR AT 21:13

#sunona
ज़रा सा बोल के फ़िर चुप है
कहानी का ये कौन सा रुख़ है

और तो कोई ग़म नहीं ज़माने में
मिल के भी ना मिला यही दुःख है

इशारों में कहना इशारों में सुनना
उस बात का भी ग़ज़ब का सुख है

मन हो चाहे ज़हन चाहे फेसबुक इंस्टा
वो हर जगह बेशुमार है भरपूर है

भले ना मिले पर मेरा लिखा पढ़ता रहे
फ़िर उसकी हर बात क़बूल है मंज़ूर है

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6 APR AT 22:17

#sunona
तपती रेत की तरह बरसों से
सुलग रहे मन को थोड़ा सा
सुकूँ मिलता है
तेरे साथ बिताये हुए पल से..
पल जैसे चिलचिलाती धूप में
पहली बारिश की बूंदें..
पल जैसे कड़कती सर्दी में
धूप का गुनगुना कोना..
पल जैसे रिमझिम बारिश में
कड़क अदरक की चाय..
कुछ लोगों के साथ बिताए हुए लम्हें
मनी प्लांट की तरह होते हैं 
ये हमेशा हरे-भरे रहते हैं
चाहे कोई भी मौसम हो
कैसा भी आलम हो..
कुछ पल..यादों में पलते हैं
एहसास में पनपते हैं..

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4 APR AT 17:43

#sunona
जब चाहूँ तब वो उपलब्ध क्यूँ नहीं होता
वो होता है रूबरू पर मेरा क्यूँ नहीं होता

सब आते हैं मुझसे माँगने अपने ग़म का इलाज
मेरा ग़म ये कि मेरा दर्द मुझसे हल क्यूँ नहीं होता

तुझ बिन अधूरा-अधूरा फ़ीका-फ़ीका सा रहता हूँ
मैं अपने आप में पूरा-पूरा हरा-भरा क्यूँ नहीं होता

लोग कैसे पा लेते हैं निजात एहसास-ए-दिल से
ना दिखूँ ना मिलूँ ना लिखूँ ये ज़िद मुझसे क्यूँ नहीं होता

अब भी उसी मोड़ पे खड़ा हूँ जहाँ मिले थे तुम कभी
अंश ये कैसी ख़्वाहिश है ये सफ़र ख़त्म क्यूँ नहीं होता

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3 APR AT 8:45

#sunona
अपनी-अपनी सहूलियतें देखकर हर कोई मिला
जो भी मुझसे मिला ज़रूरत रही तभी मिला

तन्हाई मिली, तकलीफ़ मिली, चिड़चिड़ाहट मिली
दिल में दिमाग़ रखने वालों से यही सिला मिला

नाउम्मीदी मिली बेपरवाही मिली घबराहट मिली
इंतज़ार के लिए गली खिड़की दरवाज़ा मिला

मंज़िल मिलते ही हर कोई व्यस्त है अपनी दुनिया में
तुम दूसरों में अपनी मंज़िल ढूँढते रहे तुम्हें रास्ता मिला

ख़ुशी ये कि इस भीड़ में एक चेहरा है जो सुकूँ देता है
अंश ग़म ये कि वो जब भी मिला डरता हुआ मिला

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1 APR AT 8:14

#sunona

बेहतर बनने के लिये बिखरते रहिये

बिना तपे निखार नहीं आ सकता
चाहते हो सुलझना तो उलझते रहिये

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18 MAR AT 12:16

#sunona
सुकूँ मिलता है मुझसे तो कहा करो
जो बेचैन हो जाओ ख़ुदसे तो कहा करो

दखल नहीं दूँगा ज़िंदगी में तुम्हारी
मग़र अच्छा लगे साथ तो साथ रहा करो

ख़त्म होना है सबको एक ना एक दिन
किसी एक दिन तो मेरी बन के रहा करो

हर पाँच साल में आनी है दिल ना लगा
सियासत पे डाल मिट्टी और दफ़ा करो

हम ना मिल पाये चलो कोई बात नहीं
अंश कोई और जुदा ना हो ये दुआ करो

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12 MAR AT 9:32

#sunona
इस क़दर बेदिली है ख़ुद से, कोई मुस्कुराए
तो ग़म में ख़लल पड़ता है

चाहते हो कि क़बूल हो तो कुछ पूछो मत
वरना दुआओं में असर पड़ता है

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