Ankush Chak Alam  
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Joined 20 April 2024


Joined 20 April 2024
3 MAY AT 1:19

न कोई ठिया था न कोई ठिकाना
किराए के कमरे से शुरू किया था
ज़िंदगी का अफसाना
गैर जिम्मेदार बाप का गैर जिम्मेदारी वाला सहारा था
चाय की टपरी पर चाय पिलाने वाला चमकू
हर ग्राहक को प्यारा था
मां छोड़ कर चली गई बचपन में
क्योंकि बाप शराबी मक्कार आवारा था
मगर छोटू की बातों में ,सकारात्मक सोच
कुछ करने की कसक आत्मविश्वास न्यारा था
सपनों की उड़ान ,जगह और हालात नहीं देखती
कई सालों बाद आज छोटू से मिला
संजोग से एक cab में कुदरत ने मिलवा दिया
पूरे सफर में न वो कुछ बोला ,न मैं कुछ बोला
जब qr code मांगा पेमेंट के लिए तब अचानक से उसने मुझे देख लिया और बोला बड़े भैया आप
गाड़ी से उतर कर उसने मुझे भी नीचे उतारा
और गले लग कर रोने लगा मुझे सच में समझ नहीं आ रहा था आख़िर ये मांजरा क्या है
भैया शायद आपने मुझे पहचाना नहीं
मैंने कहा बिलकुल नहीं बोला याद कीजिए आज कई साल पहले आपने मुझे 5000rs दिए थे
और कहा था खूब पढ़ाई करो
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एक चाय वाले छोटू को दिए थे
भाई उस बात को 11 साल हो गए बोला भैया मैं वही लड़का हूं मैने बीएससी डिजाइन कंप्लीट किया
और एक छोटा सा घर भी लिया नवी मुंबई में
दो कैब हैं अपनी भैया आपने जो हौसला और हिम्मत दी उससे मैं यहां तक आ गया
मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गई आज इतना भावुक हो गया ऐसा लगा किसी ने भीतर तक
बहुत गहराई में स्पर्श कर लिया
शुक्रिया छोटू ।


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2 MAY AT 8:43

मेरा मुझमें अंत हो गया
जब से प्रेम तुमसे अनंत हो गया।।
मेरे सब दोस्त सामाजिक व्यवस्थाओं के
हिसाब से नाचने गाने लगे
एक मैं था
जिसने अपना गीत गाया
अपना नृत्य नाचा
और नाचते गाते
मेरा मुझमें अंत हो गया
जब से प्रेम तुमसे अनंत हो गया।।

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1 MAY AT 23:23

क्या कभी छोटी सी
मुलाकात से भरा जा सकता है
मुझे आपके जवाब का इंतजार रहेगा
यकीं मानिए बहुत नफ़रत है इस दिल में
मगर आपके लिए प्यार रहेगा ।।

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1 MAY AT 11:26

कम्युनिटी ophthamology, पैथालॉजी
दसवीं तक सब पढ़ते हैं बायोलॉजी
लेकिन
चिकत्सा विज्ञान समझ में तब आता है
जब घर का बड़ा बुज़ुर्ग बीमार पढ़ जाता है
तब दिखती है
घर के हर सदस्य की
रोगी के प्रति मानसिकता
कौन कराए शौच
कौन जताए अफ़सोस
प्रतिदिन पूजा प्रार्थना का पाखंड
अपनों से आत्मीयता है खंड खंड
इतना आडंबर इतना दिखावा
चिकित्सा विज्ञान में ही है शक्ति
बाकी सब
पाखंडियों की दुकान है भक्ति
Thanks Medical Science









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1 MAY AT 10:56

क्यूं मराठी करते राज
क्यों मराठी होते बिंदास
क्यों नहीं मराठों में रत्ती भर भी भय
क्योंकि शिवा जी
फुले, अंबेडकर की धरती है
महाराष्ट्र ,जय महाराष्ट्र
महाराष्ट्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं।।


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1 MAY AT 10:56

क्यूं मराठी करते राज
क्यों मराठी होते बिंदास
क्यों नहीं मराठों में रत्ती भर भी भय
क्योंकि शिवा जी
फुले, अंबेडकर की धरती है
महाराष्ट्र ,जय महाराष्ट्र
महाराष्ट्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं।।


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1 MAY AT 9:21

जब मर्म समझ में आता है
परदा तमाम धुंध से
जब एक रोज़ उठ जाता है
उच्च या तुच्छ नहीं रहता
कोई कर्म
जब मर्म समझ में आता है

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1 MAY AT 8:58

जब मर्म समझ में आता है
परदा तमाम धुंध से
जब एक रोज़ उठ जाता है
उच्च या तुच्छ नहीं रहता
कोई कर्म
जब मर्म समझ में आता है

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1 MAY AT 0:06

सब अपने घरों से
हर रोज़ निकलते हैं
मैं क्या करूं
मुझमें कोई दौड़ ही नहीं
इसलिए उसकी याद में
मुस्कुरा लेता हूं
जिसने कभी मेरे फोन
के पीछे लगे गुलाबों वाली
पेंटिंग को निहारा था
उस पगली को
कौन समझाता
ये गुलाब
बहन का नजराना था।।

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30 APR AT 23:57

Cafe coffee day या chayos
टपरी पे या किसी पांच सितारा होटल
जहां जाना चाहती हो वहां जाओ
और जब दिल करे
मेरे हाथ की चाय पीने का
तब मेरे घर आओ
चीनी चायपत्ती भले कम हो
आत्मीयता और प्रेम से लबरेज़
चाय पिलाऊंगा।।

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