उससे प्यार करूँ तो कैसे। उससे इक़रार करूँ तो कैसे। यह दोस्ती है साहब शब्दों से इज़हार करूँ तो कैसे।। -
उससे प्यार करूँ तो कैसे। उससे इक़रार करूँ तो कैसे। यह दोस्ती है साहब शब्दों से इज़हार करूँ तो कैसे।।
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लंबा सफर यूँ ही कट जायेगा तुम बात मान लो न। अजनबी मोड़ों पर फिर कहीं तुम साथ थाम लो न।। -
लंबा सफर यूँ ही कट जायेगा तुम बात मान लो न। अजनबी मोड़ों पर फिर कहीं तुम साथ थाम लो न।।
धुंधली शामें हो गई हैं।फिज़ाओं में नज़र आया है।आस-पास मेरे इक चेहरातेरा नज़र आया है। -
धुंधली शामें हो गई हैं।फिज़ाओं में नज़र आया है।आस-पास मेरे इक चेहरातेरा नज़र आया है।
"बुद्धं शरणं गच्छामि!" -
"बुद्धं शरणं गच्छामि!"
दिल में अपने बसा रहे थे उनकोगमों में अपने छुपा रहे थे उनको।और, इक अज़नबी दोस्ती से गले लगा रहे थे उनको।। -
दिल में अपने बसा रहे थे उनकोगमों में अपने छुपा रहे थे उनको।और, इक अज़नबी दोस्ती से गले लगा रहे थे उनको।।
बस यादें उन्हीं की आती हैं जिनसे दिल का रिश्ता हो हर कोई हर समय याद आए यह तो मुमकिन नहीं।। -
बस यादें उन्हीं की आती हैं जिनसे दिल का रिश्ता हो हर कोई हर समय याद आए यह तो मुमकिन नहीं।।
अपनी आँखों से तुम सबके मन को पढ़ती हो। बाँध आँसूओं को पल्लू में मुझको तुम गढ़ती हो।। -
अपनी आँखों से तुम सबके मन को पढ़ती हो। बाँध आँसूओं को पल्लू में मुझको तुम गढ़ती हो।।
नासै रोग हर सब पीरा, जपत निरंजन हनुमत वीरा -
नासै रोग हर सब पीरा, जपत निरंजन हनुमत वीरा
मेरे एक राम प्यारे हैंजगत में ये न्यारे हैं,सरल,स्वभाव है उनकासरल उनकी सादगी है। -
मेरे एक राम प्यारे हैंजगत में ये न्यारे हैं,सरल,स्वभाव है उनकासरल उनकी सादगी है।
माँ को मनाना है। चुनरी चढ़ाना है। नवरात्रि के पर्व पर, माँ की जोत जलाना है। -
माँ को मनाना है। चुनरी चढ़ाना है। नवरात्रि के पर्व पर, माँ की जोत जलाना है।