Anku Singh Parashar   (#ankuparashar_quotes ❤)
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Joined 1 April 2018


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Joined 1 April 2018
YESTERDAY AT 10:37

If a film is a human body then each cell is a shot and under that shot every kind of cellular molecules play their role in a very good way as supporting role and evil elements play the role of antagonist. The central character is the nucleus and in the nucleus there are genetic elements like hero spirits (DNA is the hero and RNA is the heroine) who fight for good or bad.
© - Anku Parashar

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3 MAY AT 1:24

We don't know where we will be tomorrow, don't know where we will be.

We are happy with us, don't know what sorrows will be in tomorrow.

If there is any complaints in your mind then understand me, I was nothing.

You should also be happy thinking about your rights.

In reality, we will be there where you will not be happy.

If there are questions in your mind, then how will our pain be less.

You be yourself always in my heart, where will I be in you.

We are always in ourselves, we are bigger than this, what will you be.

© - Anku Parashar


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2 MAY AT 17:23

हम नहीं जानते कल हम कहां होंगे,पता नहीं किस ज़हां में होंगे।

हम हमीं से खुश हैं,पता नहीं कल किन दुखों के कारवां में होंगे।

अगर कोई शिकवा रहे मन में तो समझना हम तो थे कुछ भी नहीं।

तुम भी प्रफुल्लित रहना सोच कर अपने हकों के हुकूक को।

हकीकत में हम वहां होंगे जहां होने से तुम्हें भी ना ख़ुशी होगी ।

अगर होंगे सवाल मन में तेरे तो हसरतें दर्द हमारे क्या कम होंगे।

तुम तुम ही रहो हरदम ह्रदय में तुम से तुम में हम कहा होंगे ।

हम हमीं में रहे हरदम इससे बड़े हम, तुम क्या होंगे।

© - अंकु पाराशर

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29 APR AT 9:27

Life is not just only for enjoy,
Life is also a responsibility too...

© - Anku Parashar



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26 APR AT 3:25

अध्याय - 36

आधुनिक विज्ञान के दरवाजे पर जब ताला लग जाता है तब शुरुआत होती है जानने की उस परम उत्कृष्ट प्रक्रिया की जिसे अध्यात्म कहते हैं!

एक ब्रह्माण्ड उत्तम ब्रह्म से बना है और ब्रह्म को जानने का उत्तम तरीका है ब्रह्माण्ड से अनंत संपर्क का जिसे केवल अध्यात्म ही पुरा करता है,अध्यात्मिक संपर्क आपको बिग बैंग से भी आगे की दुनिया को देखने का मौका देता है,जानते हो एक योगी शांत और स्थिर क्यों होता है,शायद तुम्हें पता ना हो एक योगी वह सब जानता है जहां पर विज्ञान का ज्ञान सीमित होता है,विज्ञान उसी की खोज मे है जो पहले से ही मौजूद हैं वही योगी वह सब समझता है जहां कुछ भी नहीं से सब कुछ हुआ है।योगी,योग मुद्रा में शांति की स्थिति में वह सब देखता है जो शायद बिग बैंग से बहुत पहले से मौजूद था और निरंतर चलता आ रहा है,अगर मैं कहूं की इस भौतिक ब्रह्माण्ड का भी एक जीवन है और फिर एक अनंत अंत भी शायद तुम मुझे बावला कहो लेकिन तुम्हें यह तो पता होना ही चाहिए की जो चीज इस दुनिया में सजीव या निर्जीव रुप में विद्यमान है वह एक अंत की तरफ बढ़ रही है,फिर तो अनंत ब्रह्माण्ड भी अनंत अंत की तरफ बढ़ रहा है,तुम्हें क्या लगता है केवल तुम ही जीवन को जी रहे हो और पृथ्वी मरी हुई है फिर तो तुम अपने जीवन पर सवाल खड़े कर रहे हो?

जब अध्ययन प्राकृतिक अध्यात्म का हो तो विज्ञान के दरवाजे पर ताले लगते हैं!

©-अंकु पाराशर

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26 APR AT 2:44

अध्याय - 35

कैसे एक ग्रह विकास के शुरूआती दौर में विशालकाय जीव उत्पन्न करता है फिर उस जीवन के रसायनिक पैटर्न को प्राकृतिक रूप से बिल्कुल खत्म कर देता है?

जानते हो हम जो भी खोज रहे हैं वह केवल हमारे आस्तित्व से जुड़ा है और जब तक पृथ्वी रहेगी तब तक इन्सान अपने अस्तित्व के धागे को खोलता और बुनता रहेगा।आस्तित्व जो अनंत है उस अनंत की खोज में इन्सान अंत की तरफ बढ़ रहा है,कहते हैं की बिग बैंग के पहले कुछ भी आस्तित्व मे नही था फिर अपने आप सब कुछ आस्तित्व मे आ गया,अब देखो ब्रह्माण्ड कितना विविध्ता से भरा है की तुम्हें पैदा होने के लिए तुम्हारे जैसे दो भिन्न इकाईयों की जरूरत पड़ती है और जबकि ब्रह्माण्ड को बनने के लिए समय का भी जरूरत नहीं था,अगर मैं कहूं बिग बैंग की घटना घटने के लिए एक अनंत बिग बैंग की जरूरत थी जो परम अनंत से बनी हो तो क्या यह कुछ ना होने के पहले का सच नहीं है,अगर नहीं तो तुम ब्रह्माण्ड को खुदके जीवन से जोड़ कर देखो तुम्हारा पैदा होना और फिर जीवन के विभिन्न आयामों को पार कर अनंत में मिलना क्या एक ग्रह पर लागू नहीं होता,ग्रह भी पैदा हो कर अपना लंबा जीवन व्यतीत कर अनंत में विलीन हो कर एक नई शुरुआत की शृंखला में अपना योगदान देता रहेगा मतलब की सृजन के पैटर्न को आगे बढ़ाने में ब्रह्माण्ड की मदद करेगा!

अब आप बताओ आधुनिक विज्ञान के दरवाजे पर ताला कब लग जाता है?

© - अंकु पाराशर

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26 APR AT 2:05

अध्याय - 34

अब थोड़ा बिग बैंग पर बात करते है,आधुनिक विज्ञान कहता है की बिग बैंग होने के बाद समय आस्तित्व मे आया है और फिर बिग बैंग को प्राक्कल्पनात्मक (hypothetical) भी कह देते हैं!

मैं एक नहीं बहुत सारे बिग बैंग की काल्पनिक बात कहता हूं,क्योंकि इस दुनिया में खोजी जाने वाली हर वस्तु एक समय बाद काल्पनिक हो जाएंगी जैसे की डायनोसोर के बारे में हमारी कल्पना है वहीं अंतरिक्ष से आने वाले एलियन की भी चर्चा करते हैं ये दोनों कल्पना इन्सानों से कितने भिन्न है अगर आप सोचो तो एक पुरी प्रजाति पृथ्वी से खत्म हो गई और अगली प्रजाति जो विकसित हुआ वह हम इन्सान की है जबकि केवल हम ही नहीं हमारे साथ जीवित अनेक सजीव भी हमारे साथ विकसित हुए और आश्चर्यजनक रूप से उनका विकास अपने आप रूक गया,देखो हम जिस बंदर प्रजाति से विकसित हुएं वह भी हमारे साथ विकसित नहीं हो पाया,अतः सुदूर अंतरिक्ष से आने वाला एलियन प्रजाति हमसे अलग पैटर्न पर विकसित हुआ होगा और अलग अनुवांशिकी के इन्फोर्मेशन को आगे बढ़ा रहा होगा तो उनका विज्ञान हमारे विज्ञान से अलग होगा और ऐसा क्यों होगा क्योंकि उनके ग्रह का रसायन विज्ञान हमारे से अलग होगा तभी तो वो हमसे अलग है फिर तो तथा कथित एक बिग बैंग झूठ साबित हो रहा है क्योंकि एक बिग बैंग से बने ब्रह्माण्ड के हर ग्रह का प्राकृति विज्ञान एक जैसा होना चाहिए ना?

अगर नहीं तो कैसे.?

© - अंकु पाराशर

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24 APR AT 0:21

अध्याय - 33

अनंत ब्रह्माण्ड में पृथ्वी का विज्ञान कितना सार्थक होगा,आज जितने भी विज्ञान के नियम इन्सानों ने खोज किए हैं अगर वो सूदूर अंतरिक्ष में काम ही ना आए तो क्या हमारी आधुनिकता कोरी कल्पना भर नहीं है?

अच्छा खोजी प्रवृति के कारण जब तक इन्सान पृथ्वी पर जीवित रहेगा कुछ ना कुछ खोजता ही रहेगा और तब भी अगर हम अनंत के छोर को ना खोज पाएं तो फिर हमारे ज्ञान तो अधुरा ही रहेगा, सोचो अगर पृथ्वी के नियम वहां काम ही ना आएं तो यह जानकारी जो हमने पृथ्वी पर रहते हुए खोजा है वह तो झूठ साबित हो जाएगा और फिर उस अनंत अंतरिक्ष के विज्ञान को समझने में लगने वाला समय कितना लंबा होगा (क्योंकि ब्रह्माण्ड के हर प्रकार के पदार्थों और वहां पर घटित होती घटनाओं का सटीक जानकारी निकालने में लगने वाले अनंत समय में शायद पृथ्वी का ही अंत हो जाएं या पृथ्वी नये पैटर्न के सृजन में समर्पित हो कर कोई नये ग्रह के निर्माण में फ्यूल की तरह उपयोग में आ जाएं) तो हम जिस पृथ्वी पर रह रहे हैं उसकी पुरी जानकारी हमे संपूर्ण रूप से है क्या? सोचो अगर हम अपने सौरमंडल से बाहर दुसरे सौरमंडल में प्रवेश करें लेकिन हमारा विज्ञान वहां काम ही ना आएं,जैसे की बिग बैंग का नियम हमें ब्रह्माण्ड बनने के बारे में बताता है लेकिन सोचो अगर एक नहीं अनेक बिग बैंग हुए हो तो हर वो पैटर्न?

अनंत का अंत खोजना ही अमरत्व पाने जैसा है!

© - अंकु पाराशर

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23 APR AT 4:19

अध्याय - 32

तुम्हें पता है पृथ्वी और सुदूर अंतरिक्ष में बसने वाले हर निर्जीव और सजीव वस्तु कहा से आई है!

सृजनशीलता ही ब्रह्माण्ड का सच है, सृजन हमारे जीवन में ब्रह्माण्ड के सृजनशीलता का प्रतीक है जिसके प्रतिनिधित्व के बिना ब्रह्माण्ड रूक जाता है और उस इकाई को ब्रह्माण्ड हमेशा के लिए अमर कर देता है या तो यह कह सकते हैं की निर्जीव कर के किसी और सृजन की शुरुआत कर देता है मतलब की वह इन्फोर्मेशन का पैटर्न चेंज हो कर किसी दुसरे पैटर्न के इन्फोर्मेशन को आगे की नई ईकाई को बनाने वाले फ्यूल के रूप में खर्च होता है, और सृजित करने वाली ईकाई अपना इन्फोर्मेशन अगले सृजन में खर्च कर एक नई ईकाई को सृजित करती है, जो बिल्कुल उस इकाई से अलग होती है लेकिन सारे इन्फोर्मेशन पुरानी ईकाई से नई पैदा हुए ईकाई मे आता है,अब अगर समझो तो ब्रह्माण्ड इस लेवल पर इतना डाइवर्स है की तुम जो पैदा करोगे वह तुम्हारे इन्फोर्मेशन के साथ ही तुमसे अलग होगा, मतलब की अंत में तुम दुसरे पैटर्न के इनफार्मेशन के फ्यूल के रूप में उपयोगी होंगे अपने वाले इनफार्मेशन के आस्तित्व के साथ, वहीं सृजनशीलता के प्रतीक की प्रतिनिधित्व के बिना ब्रह्माण्ड जब रूक जाता है तो उस सजीव के पैटर्न का इनफार्मेशन अंत के साथ ही अमरत्व प्राप्त कर के हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।

अंतरिक्ष में बसने वाले हर निर्जीव और सजीव वस्तु अनंत है!
© - अंकु पाराशर

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22 APR AT 7:02


I'm searching the best man
&
I'm fail.

© - Anku Parashar

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