वो गुजरे हमारी गली से, रुसवाई का आलम देखिये
न उनसे हमें देखा गया और न हमें उनको देखा गया।
करते थे जो प्यार की मस्ती भरी शरारते
आज न जाने कब आया और कब चला गया।
धड़कन ने ली आखिरी सांसे दिल थम सा गया
धीरे से पैरों ने बदली अपनी दिशा, वो ऐसे चला की निशान सा रह गया।
इतना रूठा था मुझसे वो कि मेरी गली तक आकर लौट गया।
दिल धड़क के रह गया
-