जो बिखर गया है, बिखर जाने दें, उन्हें संवारा ना कीजिए, लंगड़ाते हुए रिश्तों को यूं सहारा न दीजिए, ग़म ही खाए हैं किसी एक का होकर, जिंदगी के रंग है कई, जो देखनीं हो, इस दिल को आवारा तो कीजिए।
तुम्हारे घटते रहने से, या बढ़ते रहने से, तुम्हारे अधूरा रहने से, या पूरा होने से, तुम्हारी महत्ता कम नही होगी, तुम तुम हो, तुम खुबसूरत हो, सुनो, तुम चाँद हो।
वो इश्क़ को इश्क़ की तरह करता है, मैं इश्क़ को अपनी जिंदगी समझकर॥ वो इश्क़ की बेबाक़ी, खुशमिजाजी, कठोरता, बिछड़ जाने को समझता है, मैं समझती हूँ इश्क़ में अपनी जान गंवाने को॥ हम दोनों गलत नहीं हैं, और सही भी नहीं॥
किसी से एक तरफा प्यार सब्जी काटते वक्त अपनी ऊंगली काट लेने जैसा है, आप हमेशा दर्द में होते हैं पर आदत होने के कारण आपको अहसास नहीं होता, कभी सहसा दर्द इतनी तीव्रता से होता है मानो कटी ऊंगली से नमक छु लिया हो॥
आधा काम हुआ पड़ा है, आधी खिड़की खुली हुई है, आधी चाय पी हुई है, आधी किताब पढ़ी हुई है, आधी कविता लिखी हुई है, देखो ज़िन्दगी आधी जी हुई सी, वहीं मेज़ पर पड़ी हुई है।