मेरी हंसती आंखो की नमी हो तुम, मेरे आसमां को पूरा करे वो ज़मीं हो तुम, यूं तो बरसाई है कई रहमतें खुदा ने मुझ पर, मगर जिसे ख़ुदा भी पूरा ना कर पाए, मेरे जीवन की वो कमी हो तुम।।
अपनी बातों को तुम "मेरे लबों की मुस्कान" समझना, अपने दिल की धड़कनों को तुम मेरी "जान" समझना, अपने साये को तुम "मेरा आसमान" समझना, जो लिख दूं मैं कभी कोरे कागज़ पर "दोस्ती", तुम बे शक उसे "अपना नाम" समझना।।
तू मंज़िल है और मैं मुसाफ़िर हूं, तू इक चांद है और मैं तेरी काफ़िर हूं, परवाह नही अब ज़माने की मुझे, तू जीता है सिर्फ़ मेरे लिए, और मैं जिंदा तेरी ख़ातिर हूं ।।
रंगों का त्योहार है, हवाओं में घुला प्यार है, नज़ारे भी गुलज़ार है, मिठाइयां भी तैयार है, बैठे हैं हाथों में गुलाल ले कर, अब बस तुम्हे रंगने का इंतजार है।।
दिल लिखूं या जान लिख दूं या सारी खुशियां तेरे नाम लिख दूं भले तू ना समझे खुद के काबिल मुझे, अगर मैं चाहूं तो, अपनी धड़कनों से इश्क़ के सारे इम्तिहान लिख दूं।।