चाय ठंडी हो रही हैदो कप, उस शाम के इंतजार मेंपियालों पे तेरे होंटो के निशानजो शायद ही उन्हें नसीब होंओर मुझे वो शाम -
चाय ठंडी हो रही हैदो कप, उस शाम के इंतजार मेंपियालों पे तेरे होंटो के निशानजो शायद ही उन्हें नसीब होंओर मुझे वो शाम
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सो गया वो ठंड में फुटफात परआप को तो फर्क कुछ पड़ता नहीं -
सो गया वो ठंड में फुटफात परआप को तो फर्क कुछ पड़ता नहीं
दुनिया ने मुझ को क्या नहीं समझाइक तू जो मुझ को था नहीं समझाजब उसे देखा मैंने पहली दफा ख़ुद से उसको जुदा नहीं समझाकैसे मैं मानू तूने इश्क़ कि औरदिलरुबा को ख़ुदा नहीं समझाजो था तक़दीर में वो मान लियापर उसे बेवफ़ा नहीं समझाआपने दुख मेरा नही समझामैं ने दुख आपका नहीं समझाउस को समझा गया बस एक बदनऔर किसी काम का नहीं समझा -
दुनिया ने मुझ को क्या नहीं समझाइक तू जो मुझ को था नहीं समझाजब उसे देखा मैंने पहली दफा ख़ुद से उसको जुदा नहीं समझाकैसे मैं मानू तूने इश्क़ कि औरदिलरुबा को ख़ुदा नहीं समझाजो था तक़दीर में वो मान लियापर उसे बेवफ़ा नहीं समझाआपने दुख मेरा नही समझामैं ने दुख आपका नहीं समझाउस को समझा गया बस एक बदनऔर किसी काम का नहीं समझा
तिरे जाने से क्या खुशी रह गई हैले दे के तो बस ज़िन्दगी रह गई हैजुदा होके तुझ से ये मैं ने है जानामेरी रूह तुझ में बसी रह गई है -
तिरे जाने से क्या खुशी रह गई हैले दे के तो बस ज़िन्दगी रह गई हैजुदा होके तुझ से ये मैं ने है जानामेरी रूह तुझ में बसी रह गई है
जब उसे देखा मैंने पहली दफा ख़ुद से उसको जुदा नहीं समझाकैसे मैं मानू तूने इश्क़ कि औरदिलरुबा को ख़ुदा नहीं समझा -
जब उसे देखा मैंने पहली दफा ख़ुद से उसको जुदा नहीं समझाकैसे मैं मानू तूने इश्क़ कि औरदिलरुबा को ख़ुदा नहीं समझा
झूम रहा तेरे इश्क में जग सारा मोहन इश्क का तूने ऐसा स्वाद चखाया मोहन नाम न जानू कोई में, न मैं जानू संसारइक तेरे सिवा दुनिया में सब माया मोहन तुम भी तो मोहन आधे हो राधे के बिनइसलिए तो कहते सब तुमको राधा मोहन संसार के हर इक ज़र्रे में है समिल तूगर तुझको ही न पाया तो क्या पाया मोहन -
झूम रहा तेरे इश्क में जग सारा मोहन इश्क का तूने ऐसा स्वाद चखाया मोहन नाम न जानू कोई में, न मैं जानू संसारइक तेरे सिवा दुनिया में सब माया मोहन तुम भी तो मोहन आधे हो राधे के बिनइसलिए तो कहते सब तुमको राधा मोहन संसार के हर इक ज़र्रे में है समिल तूगर तुझको ही न पाया तो क्या पाया मोहन
जब से तू गाँव से गया है यारशहर ए दिल सूखा सा पड़ा है यारछाँव में जिसके गुजरा बचपन थावो शज़र आज भी हरा है यारफोन करता न ही कोई मेसेजकिस के चक्कर में तू पड़ा है यारवो गई छोड़ के, तो जाने देहोता क़िस्मत में जो लिखा है यारचल कहीं बैठ पीते हैं सिगरेटकितने दिन बाद तू मिला है यार -
जब से तू गाँव से गया है यारशहर ए दिल सूखा सा पड़ा है यारछाँव में जिसके गुजरा बचपन थावो शज़र आज भी हरा है यारफोन करता न ही कोई मेसेजकिस के चक्कर में तू पड़ा है यारवो गई छोड़ के, तो जाने देहोता क़िस्मत में जो लिखा है यारचल कहीं बैठ पीते हैं सिगरेटकितने दिन बाद तू मिला है यार
उनकी नज़रों में बेजान हूँ मैंइक ज़रूरत का सामान हूँ मैंयूँ तो हासिल नहीं मैं किसी कोपाना चाहो तो आसान हूँ मैंदेख उस को परेशानी में यूँक्यूँ हो जाता परेशान हूं मैंसब को बाहर से दिखता मैं इंसाँनिकला अंदर से शैतान हूँ मैंहूँ किसी के लिए मैं ही दानवऔर कोई कहता भगवान हूँ मैंआखरी वक्त पे काम आयाजैसे इक मानो शमशान हूँ मैं -
उनकी नज़रों में बेजान हूँ मैंइक ज़रूरत का सामान हूँ मैंयूँ तो हासिल नहीं मैं किसी कोपाना चाहो तो आसान हूँ मैंदेख उस को परेशानी में यूँक्यूँ हो जाता परेशान हूं मैंसब को बाहर से दिखता मैं इंसाँनिकला अंदर से शैतान हूँ मैंहूँ किसी के लिए मैं ही दानवऔर कोई कहता भगवान हूँ मैंआखरी वक्त पे काम आयाजैसे इक मानो शमशान हूँ मैं
नींद पलकों पे रख रातभर सोचा हैक्या बताऊं तुझे किस कदर सोचा हैक्या कभी वो मुझे सोचती होगी भीमैंने इस बात को उम्रभर सोचा हैसोचता है तू सब हैं गलत, पर कभीख़ुद को आईने में देखकर सोचा हैसोचना क्या किसी के लिए रात दिनक्या कभी तुम ने इस बात पर सोचा है -
नींद पलकों पे रख रातभर सोचा हैक्या बताऊं तुझे किस कदर सोचा हैक्या कभी वो मुझे सोचती होगी भीमैंने इस बात को उम्रभर सोचा हैसोचता है तू सब हैं गलत, पर कभीख़ुद को आईने में देखकर सोचा हैसोचना क्या किसी के लिए रात दिनक्या कभी तुम ने इस बात पर सोचा है
मेरी आंखो में शायद दिखा ही नहींऔर जो कहना था तुमसे कहा ही नहींरो रहा था मैं उस शख़्स के वास्ते जिस को मुझ से कोई वास्ता ही नहींपूछा तुमने पता मेरा उस शख़्स सेमेरे बारे में जिसको पता ही नहींजान सब कुछ गया मेरे बारे में वोफिर कहा मैं इसे जानता ही नहींथे गढ़े जिस ने किरदार अफ़साने मेंज़िक्र उसका कहानी में था ही नहींज़िन्दगी बन के ता-उम्र था साथ जोज़िन्दगी में कभी वो मिला ही नहीं -
मेरी आंखो में शायद दिखा ही नहींऔर जो कहना था तुमसे कहा ही नहींरो रहा था मैं उस शख़्स के वास्ते जिस को मुझ से कोई वास्ता ही नहींपूछा तुमने पता मेरा उस शख़्स सेमेरे बारे में जिसको पता ही नहींजान सब कुछ गया मेरे बारे में वोफिर कहा मैं इसे जानता ही नहींथे गढ़े जिस ने किरदार अफ़साने मेंज़िक्र उसका कहानी में था ही नहींज़िन्दगी बन के ता-उम्र था साथ जोज़िन्दगी में कभी वो मिला ही नहीं