सोचा लिखूं कुछ तारीफे उनके मुकम्मल हुस्न पर, देखा उनकी ओर तो हम उलझ गए उनके बालों में.. सुलझे थोड़ा तो फिसल गए उनकी हसीं पर, कमबख्त आगे क्या ही लिखे, हम डूबते ही गए उनकी आंखो में..
एक तो वो पहाड़न, ऊपर से वो मृगनैनी, हिरनी जेसी अदाएं, और लहराते घने बाल, हंसने पर पड़ते वो गालों में गड्डे, उसपर आफत उसके अधरो पर वो तिल, अब आप ही बताइए क्यों न आए उसपर मेरा दिल
जब तक साथ हैं, राधा कृष्णा सा प्रेम करता रहूंगा तुमसे ।। गर हाथ थामा तुमने, रुक्मिणी कृष्णा सा प्रेम करूंगा तुमसे ।। गर दूर हुए हम, ना बातचीत हो हमारी, मीरा कृष्णा सा प्रेम करूंगा तुमसे ।।