सब मिलते तो हैं मगर दिल से नहीं मिलते दिल से मिलें जो बड़ी मुश्किल से मिलते हैं . -
सब मिलते तो हैं मगर दिल से नहीं मिलते दिल से मिलें जो बड़ी मुश्किल से मिलते हैं .
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खुशबूयों की तलाश में कांटों से उलझ गया जिसे एक खराश भी बर्दाश्त न थी वो शख्स जख्मों से भर गया. -
खुशबूयों की तलाश में कांटों से उलझ गया जिसे एक खराश भी बर्दाश्त न थी वो शख्स जख्मों से भर गया.
फितरत से मैं दीवाना हूंफिर भी तलाश है कोई मिलेगा अपना साउम्मीद ओ आस है . -
फितरत से मैं दीवाना हूंफिर भी तलाश है कोई मिलेगा अपना साउम्मीद ओ आस है .
अक्षर अक्षर पिरोकर संवेदनाओं को दर्ज किया मैंने मन की डायरी में खुद को ही तो व्यक्त किया लिखा सुबह के उजियारे को लिखा शाम के गलियारे को थके मांदे अधूरे स्वपनों का अंधेरों में सृजन किया अक्षर अक्षर पिरोकर मैने संवेदनाओं को दर्ज किया । -
अक्षर अक्षर पिरोकर संवेदनाओं को दर्ज किया मैंने मन की डायरी में खुद को ही तो व्यक्त किया लिखा सुबह के उजियारे को लिखा शाम के गलियारे को थके मांदे अधूरे स्वपनों का अंधेरों में सृजन किया अक्षर अक्षर पिरोकर मैने संवेदनाओं को दर्ज किया ।
जब भी कोशिशों के दरवाजे बंद हों संभावना की खिड़की खुली होती है उम्मीदों पर टिका है आसमां कहीं तो धरती आसमां से मिली होगी चरैवेति जिसका मंत्र हो चलने से मंजिल करीब होती है । -
जब भी कोशिशों के दरवाजे बंद हों संभावना की खिड़की खुली होती है उम्मीदों पर टिका है आसमां कहीं तो धरती आसमां से मिली होगी चरैवेति जिसका मंत्र हो चलने से मंजिल करीब होती है ।
गुलों की सोहबत में आदत बिगड़ न जाए कांटों ने ये अहसास जगा रखा है . -
गुलों की सोहबत में आदत बिगड़ न जाए कांटों ने ये अहसास जगा रखा है .
अजब दस्तूर है दुनिया का जानते न थे अपने ही गिराते थे हमें पहचानते न थे तुमने बदनाम करके मुझे मशहूर कर दिया यूं तो शहर के लोग मुझे पहचानते न थे . -
अजब दस्तूर है दुनिया का जानते न थे अपने ही गिराते थे हमें पहचानते न थे तुमने बदनाम करके मुझे मशहूर कर दिया यूं तो शहर के लोग मुझे पहचानते न थे .
कसम आंखों के पानी कीथम गये तो जहीनबह गये तो तौहीन होंगेकोई धोखा नहीं ये इश्क हैइस पार हुए तो बल्ले-बल्लेउस पार हुए तो शहीद होंगेखेल नज़रों की निगेहबानी का हैमिली अगर तो हम उसकेझुकी अगर तो हमारे होंगे . -
कसम आंखों के पानी कीथम गये तो जहीनबह गये तो तौहीन होंगेकोई धोखा नहीं ये इश्क हैइस पार हुए तो बल्ले-बल्लेउस पार हुए तो शहीद होंगेखेल नज़रों की निगेहबानी का हैमिली अगर तो हम उसकेझुकी अगर तो हमारे होंगे .
दरख़्त की छांव में ढलती हुई शाम में वादा किया था आपने फिर न कभी आओगे अब क्यों चले आते हो गाहे-बगाहे याद में . -
दरख़्त की छांव में ढलती हुई शाम में वादा किया था आपने फिर न कभी आओगे अब क्यों चले आते हो गाहे-बगाहे याद में .
कुछ दुआयें कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले झूठा ही सही ,वादा कोई कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले कोई निशानी दे जाओ बिछड़ जाने से पहले खुद को भी ज़हन से ले जाओ हाथ छुड़ाने से पहले । -
कुछ दुआयें कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले झूठा ही सही ,वादा कोई कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले कोई निशानी दे जाओ बिछड़ जाने से पहले खुद को भी ज़हन से ले जाओ हाथ छुड़ाने से पहले ।