फुहारों सेटूट गिरी थी...वो कच्ची दीवार जिस परजमा किया था हौसला, उसने किसी सर्द रात में ।अगली फिर एक सर्द रात में,रहे हौसले पास उसके।वक्त से उधारी पर, मिली उसे बुलन्दी भी,बारिश में,टूटा हौसला फिर टूटा .. इस दफ़ा,लेकिन गिरा नहीं ।। -
फुहारों सेटूट गिरी थी...वो कच्ची दीवार जिस परजमा किया था हौसला, उसने किसी सर्द रात में ।अगली फिर एक सर्द रात में,रहे हौसले पास उसके।वक्त से उधारी पर, मिली उसे बुलन्दी भी,बारिश में,टूटा हौसला फिर टूटा .. इस दफ़ा,लेकिन गिरा नहीं ।।
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Shouldn't be proudest.If you're respecting a woman.If you're treating her equal as everyone. If you're letting her being herself.If you're giving her wings to fly.If you're believing in her capabilities. You aren't doing a great job, she deserves it. -
Shouldn't be proudest.If you're respecting a woman.If you're treating her equal as everyone. If you're letting her being herself.If you're giving her wings to fly.If you're believing in her capabilities. You aren't doing a great job, she deserves it.
the feeling of loosing oneself.amrita🖤ramanwal -
the feeling of loosing oneself.amrita🖤ramanwal
सपनों पर पड़े तमाचे से आह भले ना निकले,गूंज... यकीनन, बरसों तक सुनाई दे जाती है।। -
सपनों पर पड़े तमाचे से आह भले ना निकले,गूंज... यकीनन, बरसों तक सुनाई दे जाती है।।
जो खत्म हो किसी मोड़ पर, सफर को अंजाम दे जाते हैं ।फिर रूकना या तो गुज़रना पड़ता है, उन्हीं रास्तों पर दोबारा ।भला क्यों ! रुका या लौटा जाए ?सफर की तो खूबसूरती है, चलते रहने में ।। amrita❤ramanwal -
जो खत्म हो किसी मोड़ पर, सफर को अंजाम दे जाते हैं ।फिर रूकना या तो गुज़रना पड़ता है, उन्हीं रास्तों पर दोबारा ।भला क्यों ! रुका या लौटा जाए ?सफर की तो खूबसूरती है, चलते रहने में ।। amrita❤ramanwal
आसमान भी, कलाकारिता में कुछ उलझा पड़ा है,असल को धुँधला कर, तारीफ़ के मोह में, दिखाता हैं, कुछ तो..कभी गहरा, कभी सफेद,के लोग बस, एकटक निहार, ताली पीट, फिर दौड़ पड़ेंगे अपने काम को,खाली आसमान में, रखा तो कुछ नहीं, किन्तु, तुमने सिवाय बादल के, देखा भी तो कुछ नहीं ।। -
आसमान भी, कलाकारिता में कुछ उलझा पड़ा है,असल को धुँधला कर, तारीफ़ के मोह में, दिखाता हैं, कुछ तो..कभी गहरा, कभी सफेद,के लोग बस, एकटक निहार, ताली पीट, फिर दौड़ पड़ेंगे अपने काम को,खाली आसमान में, रखा तो कुछ नहीं, किन्तु, तुमने सिवाय बादल के, देखा भी तो कुछ नहीं ।।
वादों की दास्तान, नहीं सुनाएंगे तुम्हें फिर अब,शायद ही समेट पाओ..टुकड़े इतने।वाकिफ, तुम्हारी नाकाम वफाओ से,हमने ही सँभलना शुरू कर दिया।। -
वादों की दास्तान, नहीं सुनाएंगे तुम्हें फिर अब,शायद ही समेट पाओ..टुकड़े इतने।वाकिफ, तुम्हारी नाकाम वफाओ से,हमने ही सँभलना शुरू कर दिया।।
आस थोड़ी बाकी रख, हौसले अभी टूटे नहीं।उम्मीद कुछ से तो रख, सारे अपने अभी रुठे नहीं,कुछ मील चल, कदम मंज़िल की ओर अभी उठे नहीं,मिलावटी कुछ ही हुए सिद्धांत, ज़मीर सारे जहां के झूठे नहीं ।। -
आस थोड़ी बाकी रख, हौसले अभी टूटे नहीं।उम्मीद कुछ से तो रख, सारे अपने अभी रुठे नहीं,कुछ मील चल, कदम मंज़िल की ओर अभी उठे नहीं,मिलावटी कुछ ही हुए सिद्धांत, ज़मीर सारे जहां के झूठे नहीं ।।
तुम मनाने आओ, हर दफ़ा, मेैं रूठना चाहती हूं ।तुम समेटने का वादा करो, मैं तुम्हारे लिए टूटना चाहती हूं ।। -
तुम मनाने आओ, हर दफ़ा, मेैं रूठना चाहती हूं ।तुम समेटने का वादा करो, मैं तुम्हारे लिए टूटना चाहती हूं ।।
रिश्तों में की गई ग़लती, माफी की मोहताज नहीं रही ।बस! यक़ीन, इज्ज़त, अहमियत, नज़दीकियों में गिरावट होती चली गई ।। -
रिश्तों में की गई ग़लती, माफी की मोहताज नहीं रही ।बस! यक़ीन, इज्ज़त, अहमियत, नज़दीकियों में गिरावट होती चली गई ।।