ज़िन्दगी मेरी है, पर साँसे तुम्हारे लिए हैं,
यह बनना-सँवरना, यह अदाएँ तुम्हारे लिए हैं,
कौन मुझे चाहता है इस बात को छोड़ो न यारा,
मेरी यह चाहत,यह प्यार, यह वफ़ाएं तुम्हारे लिए हैं,
पसंद है तुम्हें न हुकुम करना मेरी जान, इसीलिए..
मेरा यह दिल और दिल की सल्तनत तुम्हारे लिए है,
रहूं आपकी बाहों में और सोऊ बेख़ौफ़ सी नींद, पर..
साथ रहने पर होते आँखों के रतजगे तुम्हारे लिए है,
न पूछो की क्या हाल है तुम्हारे बिना इस शहर में..
सभी अपने है पर अपनापन अब बस तुम्हारे लिए है,
और गुज़ारी थी इक उम्र तुम्हारे होने की ख़ातिर,
साथ गुज़र गया एक माह और सादिया तुम्हारे लिए हैं।
-