Amit Kumaran   (Amit Kumaran)
21 Followers · 15 Following

Lyricist, Dialogue writer and a Copywriter
Joined 19 June 2017


Lyricist, Dialogue writer and a Copywriter
Joined 19 June 2017
17 JUN 2023 AT 5:19

मछली कुकुर पंछी बिल्ली औरत
आदमी हर ख़ूबसूरत चीज़ को क़ैद में रखता है।

-


10 JUN 2023 AT 0:59

अपनी ख़ुशबू ज़रा मेरे पास
छोड़ कर जाना।
तुम्हारे जाने के बाद मुझे
सोना भी तो होगा।

Apni khushboo zara
mere paas chodd kar jaana,
Tumhare jaane ke baad
mujhe sona bhi toh hoga.

-


8 JUN 2023 AT 20:32


एक मौत सौ ज़िन्दगी दे जाती है।
यूँ ही नहीं मज़ार पर नयी
नस्लें खिलती हैं।

EK MAUT SAU ZINDAGI
DE JAATI HAI,
YUN HI NAHI MAZAAR PAR
NAYI NASLEIN KHILTI HAIN

-


20 APR 2023 AT 3:12

जीने के लिए मरना दस्तूरी है जितना
सुकून से मरने के लिए उतना ही जीना ज़रूरी है।

-


4 APR 2023 AT 22:57

लेते थे Ecstasy की pill कभी
अब multi-vitamin खाते हैं
तीस पार हो चुकी है उम्र
हम ग्यारह बजे सो जाते हैं।

-


9 MAR 2023 AT 22:05

लाल आसमान पे शीशे के तारे
सर पर मंडराते थे।
ज़रदोज़ी का चाँद माथे पे
थपकियाँ दे सुलाते थे।
Venus, Jupiter, Saturn,
भी निकलते थे छुपन-छुपाई खेलने।
आते थे asteroids कभी मुझे घेरने।
उनकी गोद में दुबक कर मैंने हर सपना सेका था।
माँ की साड़ी के पल्लू पर ब्रम्हाण्ड देखा था।

-


21 FEB 2023 AT 14:40

Sweatshirt और hot-pants में
मेरे सामने बैठी है,
रंगीन बालों के पीछे उसने ख़ुद को छुपाया है,
काफ़ी घिसे हैं महंगे जूते उसके,
लगता है अपनी शर्तों पर उसने दुनिया नापी है,
किसी ख़राब painter की
painting जैसे,
घुटने, टखने, टाँग पर उसके निशान कई हैं
शायद कईयों ने उसके रास्ते में अड़गा डाला होगा,
वो निशान उसकी कहानी कहते हैं,
सौ बार गिर कर उसने मर्ज़ी से जीना सीखा है।

Sweatshirt और hot-pants में
मेरे सामने बैठी है वोह...

-


20 FEB 2023 AT 18:11

चखा था हमने एक ही जूठा लम्हा
तेरे लिए मीठा मेरे लिए कड़वा क्यूँ है ?

-


11 FEB 2023 AT 1:14

Diaper और adult diaper के बीच में जो जीते हैं हम
ज़िंदगी है।

-


10 FEB 2023 AT 1:36

हरा मुसलमान
भगवा हिन्दू
नीला यहूदी
सफ़ेद ईसाई
ऊपरवाला तो secular था
ये आदमी है जिसने रंगों को भी
बाँट रखा है।

-


Fetching Amit Kumaran Quotes