मुश्किलें तो बहुत हैं।
पर मुश्किलों से लड़कर ही दौड़ना सिखना हैं।
ये चाहे कितनी भी कोशिश कर ले गिराने की ,
पर फिर भी बिना रुके आगे बढ़ना है।
पर ये अतीत रूपक ग़म का क्या करें.... ?
क्यों कि चाहे सारी ताकत लगा लें
इस ग़म को छुपाने में,
फिर भी यह कमबख़्त आंखे है !
जो सब बातें बयां कर देती है।
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