Aloknath Pradhan   (Alok)
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Joined 20 May 2020


Joined 20 May 2020
19 HOURS AGO

यह दो ही सबसे महत्वपूर्ण चाबी है कुछ बनने का या फिर कुछ कर दिखाने का। क्यों कि ...
कुछ करने के लिए पहले लक्ष्य की जरूरत होती है।
जैसे सफ़र शुरु करने से पहले मंजिल का पता होना जरूरी है।
वैसे ही अगर कहीं पर गिर पड़ो तो
फिर से खड़े होने के लिए साहस का जरूरत होती है।
जैसे कोई पथरीली पहाड़ पर किसी बीज का अंकुरित होना या तुफान में गिरा हुआ पेड़ फिर से खड़ा होना।

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19 HOURS AGO

अगर दिल से करें तो,
नहीं तो हजार पूजा भी विफल हो जाती हैं,
अगर उसमें भाव का कमी हो तो।

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30 APR AT 14:01

मुश्किलें तो बहुत हैं।
पर मुश्किलों से लड़कर ही दौड़ना सिखना हैं।
ये चाहे कितनी भी कोशिश कर ले गिराने की ,
पर फिर भी बिना रुके आगे बढ़ना है।
पर ये अतीत रूपक ग़म का क्या करें.... ?
क्यों कि चाहे सारी ताकत लगा लें
इस ग़म को छुपाने में,
फिर भी यह कमबख़्त आंखे है !
जो सब बातें बयां कर देती है।

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29 APR AT 14:32

हम चाहे जितना कोशिश करें सुलझाने की
वह हर मोड़ पर कुछ नया रंग दिखाती है।
जैसे सुलझाने के बजाए और उलझ रही है।
क्या इसका मतलब यह है कि हम पहेली को बिना समझे ही किसी और के दिए गए रस्ते को अपने पहेली सुलझाने के लिए अपनाएं हैं ?

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28 APR AT 7:43

ନା ମୁଁ ଲେଖକ, ନା ମୁଁ କବି
କେବଳ ଶବ୍ଦରେ ଆଙ୍କେ ଲୋକଙ୍କ ମନର ପ୍ରତିଛବି।
ସେ ପ୍ରତିଛବି ଥାଏ ସତ୍ୟର ସୂର୍ଯ୍ୟ ପରି,
କିନ୍ତୁ କାହା ପାଇଁ ତାହା ପଙ୍କ, ପୁଣି କାହା ପାଇଁ ପଙ୍କଜ ପରି।

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27 APR AT 22:51

जो आंसू बनकर बरसेगा।
थामे हुए हैं धैर्य का हाथ,
वो भी किसी दिन छुटेगा।
पता नहीं किस बात को लेकर अब लगाएं उम्मीद,
कि वह दिन फिर से खुशियां लेकर लौटेगा।

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27 APR AT 21:59

कभी किसी को मेरी खबर नहीं ,
तो कभी खबरों में मैं हूं।
बस यही जिंदगी है...!

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27 APR AT 0:15

रस्ता वही था,
पर मंजिल बदलते रहे।

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26 APR AT 23:58

-:|Old-school लोग|:-

हम जैसे किसी Old-school लोगों को खुश करना है, तो ज्यादा मेहनत की कोई जरूरत नहीं होती है।
क्यों कि हमें महंगे तोहफे नहीं !!
तुम्हारा कुछ वक्त चाहिए होता है।
कहीं पर अटक जाए तो ...
तुम्हारा साथ चाहिए होता है।
तुम अगर कुछ पंक्तियां हमारे बारे मे लिख दो तो उसे दिन में दस बार पढ़कर हम खुश हो जाते हैं।
महंगे Hotel का जरूरत नहीं !!
दिल से हमारे साथ मंदिर भी चले जाओ..
बस यही चाहिए होता है।
हमारे लिए थोड़ा सा फिक्र हो या तुम्हारा मौजूदगी !!
वह भी हमारे लिए काफ़ी होता है।
यह थोड़ी थोड़ी चीजें मुझे दुनिया में Special अनुभव करवाने के लिए पर्याप्त होता है।

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26 APR AT 17:55

कहां लौट पाते हैं ।
हर काम में उत्सुक रहने वाले ..
अब कोई काम कहां मन से कर पाते हैं।
वो बातें या फिर वो यादों में बसे जज़्बातों को
कहां बटोर पाते हैं।
यह सब अब किसी कहानी के हिस्से लगतें है,
क्यों कि इस हिस्से में ...
वो भावनाओं को हम कहां महसूस कर पाते हैं।

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