तुम पहले शायर हो, जिसका दिल टूटा नहीं लगता है, लुटेरों के शहर से आए हो, मगर कुछ लूटा नही लगता है, जनाब इसे तरीका कह लो, या उसका तजुर्बा कह लो, मगर झूठ बोलने वाला कभी भी झूठा नही लगता है,
अगर आप खुदा से मांगते हो, तो वो खुशियां मिलेगी जो किसी और के हिस्से में आई थी, अगर आपको खुदा बिना मांगें दे, तो वो खुशियां मिलेगी जो उसने सिर्फ आपके लिए बनाई थी,
काश ऐसा होता कि बेवफों को सजा मिलती, टूटे दिलवालों की भी सुनवाई होती, यूं तन्हा रहना पड़ता एक तरफा आशिकों को ए खुदा गर तूने मोहब्बत की भी अदालत बनवाई होती,
मेरी बात मानो जनाब तो मैं एक राय दूंगा, तुम्हारी हर समस्या का मैं खुद उपाय दूंगा, आओ तो कभी मेरे घर वक़्त निकालकर सबसे पहले प्याली में गरमा-गरम चाय दुंगा,