कुछ खिड़कियां तुम्हारे राज़ में हमसफ़र बन जाती हैं।
जिनसे घंटों तक बाहर तकते रहना अच्छा लगता हैं।
शाम को कॉफ़ी का मग हाथ में लिए मौसम को महसूस करना हो,
या डुबती हुई संध्या का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखना हो,
या फिर रात में खिड़की से चाँद को निहारते रहना हो।
पता नहीं क्यूँ,
पर ये खिड़कियां दिल को एक अजीब सा ही सही सुकून दिलाती हैं।
कभी अकेले में गाने सुनने का मन करे, या फ़िर
खुद से खुद की बातें करना हो, यूं कहुं तो खुद में ही जीना हो,
तो यही खिड़कियां तुम्हारी साथी बन जाती हैं।
ये कुछ खिड़कियां ज़िंदगी में ऐसी जगह बना लेती हैं
की बस पूछो ही मत...
जो ढूंढने से भी कहीं और नहीं मिलती,
ऐसी शांति बस उन खिड़कियों में ही मिलती हैं।
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