Akhter Sayeed   (✨Samad Alig🌄)
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Joined 30 January 2020


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Joined 30 January 2020
15 MINUTES AGO

सौदा नींद का अब कैसे कर लूं
कहो तो जी लूँ कहो तो मर लूं

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6 HOURS AGO

ऐ! दोस्त तूने रंगों में अपना रंग छुपाया
मालूम है मुझे पर फिर भी एक भरम है
दिल ने ना जाने क्यों पाल रखा अजब
अपनी घर की जुड़ी छतों सा बिल्कुल
दर्खुर-ए-एतिना तुझसे बस इतनी है कि
लौ उम्मीद की लगी रहे छोड़ कर मत जाना
चाहे ख़ुद ही पीठ पे खंजर एक और ही सही
उतार देना, बाक़ी की तरह मुस्कान और
चुप्पी ही पाओगे तुम हमेशा अपने लिए
मां पूछती है भैय्या नहीं आया तो जानते हो
बहाना ये कि बहुत काम है मेरे यार को
कल उन्होंने भी तुम्हारा इंटरव्यू देखा था
रात भर सो नहीं पाईं.. बेहोश और बाहोश
कहती रही भैय्या भी बदल गया समद.....

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13 HOURS AGO

पगडंडियां अपना अस्तित्व खो रहीं मुस्कुराकर,
समद ये कहें सड़क नई पीढ़ी हम होते न निराश।

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13 HOURS AGO

कि नाम रखूँ या ईनाम रखूँ..
चांद आगोश में आसमां तके।

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13 HOURS AGO

ना-उम्मीदगी कुफ्र है मज़हब हर सिखाता
समद! ख़ामोश वक्त ख़ुद बोलना सिखाता।

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15 HOURS AGO

आज घर की गली हाईवे सी लग रही।
उसने टिमटिमाती हुई स्ट्रीट लाइट
देखकर बिजली बचत की स्कीम कोसी। 
मन में उधेड़बुन थी निर्भया को लेकर।
सोचती मां के क़दमों में जन्नत,
बेटियों को कुंवारी खिलाना और समाज ने
न्यायालय की देवी सी आंख मूंदे।
राजनेता, अमीर किसी को त्रिस्कृत कर
जाते और लोभी आवाज़ें संसद की कुर्सी
पर बैठते भूल गईं कि वो भी औरतें हैं।
पीछे से आवाज़ आई, " बिटिया देर हो गई आज"
डर से घिग्घी बंध गई..जी पापा..
क्या विकास का ढिंढोरा इन्हीं मानसिक
तनावों का नाम है, जो जाति और
मज़हब पर पल रहा।

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15 HOURS AGO

I acted innocently but
world became critical that
I'm childish... hypocrisy

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16 HOURS AGO

चश्म आज आशा की तरह भर आई
ज़हन और दिल ने बहुत ही चोट खाई..

बचपन के इश्क़ ने जवानी में चश्म न मिलाई
हम क़दीमी आशिक़ हमने ये सबसे ही छुपाई..

घर में बड़े थे तो सबने राम सी आस लगाई
पूरा न कर सका न हो पाई ऐसी तो कमाई..

तोहमत वो लगाए जिनको हैं राह दिखाई
अब तो लगे जैसे हरसू महज़ है ये रुसवाई..

बच्चों से बा-दस्तूर उम्मीद हमने जो लगाई
तो चोट फिर वही पुराने इश्क़ की उभर आई..

दोस्तों की ज़रूरत पड़ी तो शक्ल न दिखाई
जो रोज़ कसमें खाएं कि आप मेरे हैं भाई..

अब तो बदन भी दुखने लगता लूं जो अंगड़ाई
समद पूछे मौला गुनाहगार की कर ले सुनवाई।

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YESTERDAY AT 1:35

पिछले 20 दिनों से मुझे
विकास और सबका विश्वास
बहुत याद आ रहा है...
मेरे दोस्त हैं भास्कर विश्वास।
Don't mind Sam series 1
Mohalle wali gaali galauj
Sadkchhap language
Aur pedigree khaate DNA..
Really never mind.

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YESTERDAY AT 1:31

हद की जड़ें हैं बड़ी गहरी...
हर बार अपनी गहराई बढ़ाए.

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