AKANKSHA DIXIT   (Akanksha Dixit)
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Joined 4 April 2020


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Joined 4 April 2020
31 JAN 2022 AT 22:43

दरिया सा आलम है
मदहोश समां है
लम्हा पल भर में सिमट गया
दिल सरगोशी की दुआ है
लब जो कभी सच नहीं कह पाते
वो पल महसूस हैं हम करते
सादगी सी पसंद है हमारी
जिसका इंतजार सिर्फ़ हम हैं करते
ये तन्हाई, ये जुदाई भी आप पर ही है मरती
बहते हुए जवाबों को साथ लेकर हैं हम चलते।।
© आकांक्षा दीक्षित

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15 DEC 2021 AT 22:59

हक़ से अदा करो
तो खफा नहीं होता जहां,
शक अगर करो
तो सज़ा भी नहीं मिलती यहां,
कला से मुलाकात करो
तबाह नहीं होता इंसान,
किस्मत अगर साथ हो
साथ चलते हैं पैरों के निशान,
वक्त का मुकद्दर हो
नहीं रुकता ये जहां,
हक से अदा करो
तो खफा नहीं होता जहां।।

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11 DEC 2021 AT 23:48

सोचती हूं किसी का कत्ल कर दूं
मरती हूं उस पर,
कहीं हवा ना हो जाऊं
शिकवा नहीं है, अजब सी बात है
तुझसे तुझको ही चुरा लूं,
सज़ा है या हम खफा हैं
सजदा करती हूं तेरी मोहब्बत का,
ख़ुद को जीतने से पहले
तुझे जीत जाऊं।।

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8 DEC 2021 AT 22:57

शमा जले तो तेरा जिक्र याद आए
शाम ढले तो तेरी फिक्र सताए,
हमारी कश्ती में गुम हो जाएं
जरा ठहर कर तो देखें जनाब,
मोहब्बत अगर ना भी हो पाए
लबों पर सिर्फ़ हमारा नाम आए।।

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21 NOV 2021 AT 16:32

ज़माना बीतता है, हम लॉक हो जाते हैं
अपना टूटता है, हम शॉक हो जाते हैं,
ज़माना गुम होता है, हम ब्लॉक हो जाते हैं
सपना बिखरता है, हम मॉक हो जाते हैं।।

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16 FEB 2021 AT 10:02

प्यार के लगे बाग आपके आंगन में
ज़िन्दगी गुमनाम सी है फिर भी
रंग भरे आपके इस जीवन में,
सौ साल जियो ऐसी दुआ है हमारी
कश्मीरी जिंदगी में सावन बरसे
जीने की वजह मिले आपको
From Uttar Kashi To Kanyakumari,
जिंदगी के सफर को आपने जिया है
कभी न हो खुशियों की जुदाई
दूर हो जाए आपके जीवन की ये तन्हाई,
आए ये दिन हर साल बार-बार
बजता रहे आपकी खुशियों का सितार,
दिए की तरह आपकी ज़िंदगी रहे रोशन
दूर हो जाएं आपके सारे गिले शिकवे
बेशकीमती मोहब्बत से भरा हो आपका
हर एक इमोशन,
ना लगाना पड़े आपको कोई लोशन
वक्त बदलता रहे, आप मुस्कराते रहे
जैसे बदलते हैं साल भर में मौसम,
मुबारक हो आपको आपका ये जन्मदिन
हम रहे या ना रहे याद आयेंगे आपको
ऐसे थे हमारे बीते हुए दिन।।



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28 NOV 2020 AT 15:01

मेरी गुस्ताखियां
कभी साज़िश करती थीं
लबों की चाह को
ज़िंदा करती थीं,
मर मिटे थे आप पर हम उस दिन
जब चोरी चोरी,
तेरी अंखियां यूहीं
हमसे सवाल करती थीं।।

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3 OCT 2020 AT 16:11

दिल के धागों से
इश्क़ बुना था मैंने
दिल के रिश्तों से
ख़ामोश थी आज
अपने आप को
पहचाना है मैंने,
रंगीन दुनिया से
बेरंग थी
आज मेहसूस
किया है मैंने,
उन एहसासों में
पिरोया था तुझे
टूटे हम थे बिखरे
आप भी थे,
ऐसा सिला दिया था
उस ज़ख्म ने
आज अपने आप को
समझा है मैंने।।

"किसी से कैसे उलझते और क्या उलझते
हम तो ख़ुद ब ख़ुद ही उलझे हुए हैं"।।

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15 SEP 2020 AT 18:25

ये दिल खाली नहीं है
ये पल खाली है
आपके इश्क़ की तरह
बेजुबान नहीं है,
आपके सब्र का
मकां खाली है
दिल किसी का मकान है
पर
किरायेदारों की शिकायतों
का मंदिर भी नहीं है।।


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14 SEP 2020 AT 8:00

तेरे साथ है जीने का
वादा
तेरे साथ है मरने का
इरादा,
क्यूं करने में लगे हो मेरा दिल यूं
आधा
यही है आपकी मोहब्बत का
सौदा,
आप सिर्फ़ मोहब्बत का हो एक
प्यादा
इस जीवन में नहीं मिलेगी
हमारी जैसी कोई
राधा।।


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