ज़हर , ज़ेहन का ज़ेहन में ही रहने दो -2तुम गले लग जाओ चाहे , मगर महोब्बत रहने दो । -
ज़हर , ज़ेहन का ज़ेहन में ही रहने दो -2तुम गले लग जाओ चाहे , मगर महोब्बत रहने दो ।
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दिल की बात को सुनो,यूँ ज़ुबाँ को तकलीफ क्यों देते हो।-2ज़हर इश्क़ का है मुझमे,तुम शराब को गाली क्यों देते हो ।। -
दिल की बात को सुनो,यूँ ज़ुबाँ को तकलीफ क्यों देते हो।-2ज़हर इश्क़ का है मुझमे,तुम शराब को गाली क्यों देते हो ।।
बाज़ुओं की कसरत कुछ और बात है,-2अगर आंसू एक भी टपक गया आँख से ,तो मैं जंग हार जाऊंगा|| -
बाज़ुओं की कसरत कुछ और बात है,-2अगर आंसू एक भी टपक गया आँख से ,तो मैं जंग हार जाऊंगा||
वो शाजिश कर रहा था ,हमे मुस्कुरा कर मार देने की।-2हम भी शातिर थे ,हमने इश्क़ किया ही नही ।। -
वो शाजिश कर रहा था ,हमे मुस्कुरा कर मार देने की।-2हम भी शातिर थे ,हमने इश्क़ किया ही नही ।।
मुस्कुराती सूरतो पर , महफ़िल में,ये कैसा सन्नाटा छाया है।लगता है अनजाने में शायर ने ,कोई महँगा सच कह सुनाया है।। -
मुस्कुराती सूरतो पर , महफ़िल में,ये कैसा सन्नाटा छाया है।लगता है अनजाने में शायर ने ,कोई महँगा सच कह सुनाया है।।
कसूर मौसम का नही,ये काम हवाओं का है। -2मेरे घावों पर असर तुम्हारी ही हँसी का है,बस नाम दवाओं का है।। -
कसूर मौसम का नही,ये काम हवाओं का है। -2मेरे घावों पर असर तुम्हारी ही हँसी का है,बस नाम दवाओं का है।।
अर्ज़ किया है -कि अब वो मुस्कुराने बहुत लगी है। -2वजह नीम की डाली नही..साहब !! उम्र की डाली लगती है ।। -
अर्ज़ किया है -कि अब वो मुस्कुराने बहुत लगी है। -2वजह नीम की डाली नही..साहब !! उम्र की डाली लगती है ।।
वो सच्चाई ,रोशनी और वो उमंगे कहाँ,-3दिवाली तो वही है ...जनाब।।पर अब वो ..बचपन कहाँ?!! -
वो सच्चाई ,रोशनी और वो उमंगे कहाँ,-3दिवाली तो वही है ...जनाब।।पर अब वो ..बचपन कहाँ?!!
बस नम ही थी वो आंख,अब बरसने लगी है।-2बरसात गयी ही नही ।और धरती तरसने लगी है।। -
बस नम ही थी वो आंख,अब बरसने लगी है।-2बरसात गयी ही नही ।और धरती तरसने लगी है।।
सुनी रातें और बड़े लंबे दिन तड़पता है,ऐसे ही कोई कमाल नही हो जाता है।-2बड़ा जलता है तीखी धूप में,यूँही गुलमोहर लाल नही हो जाता है ।। -
सुनी रातें और बड़े लंबे दिन तड़पता है,ऐसे ही कोई कमाल नही हो जाता है।-2बड़ा जलता है तीखी धूप में,यूँही गुलमोहर लाल नही हो जाता है ।।