किसी चीज को ताका इतना कि जब उसे खरीदने के लायक बने तो खरीदने का मन ना रहा, किसी को चाहा इतना कि.. वो ना मिला तो गम ना रहा, किसी मंजिल की ओर इतना दूर तक चले कि.. पहुचकर भी वो दम ना रहा, थकान ही इतनी होगयी किसी चीज को करते करते, उसका इंतज़ार करते करते कि.. जब वो हुई तो खुशी का एहसास बहुत कम सा रहा।
मेरे हर सवाल का जवाब हो न हो तेरे पास, पर मेरे हर सवाल को तुझसे ज्यादा ध्यान से कोई सुन नही सकता। मेरी हर राह चाहे पता न हो तुझे, मुझ पर मुझसे ज्यादा भरोसा कर अनजानी मंजिल की ओर कोई चल नही सकता। मेरी बड़ी ख्वाइशों का अंदाज़ा हो न हो तुझे, मेरी पसंद की सब्जी तुझसे अच्छी कोई बना नही सकता।
जब जिंदगी की हल्की सी भी धूप लगे तो माँ तुझसे पहले मुझे अपना आँचल कोई उड़ा नही सकता।