दुनियादारी बहुत बुरी हैरिश्तेदारी बहुत बुरी हैबुरा है ये जीवन का गीतबैरी पिया है ,बैरी ये प्रीत -
दुनियादारी बहुत बुरी हैरिश्तेदारी बहुत बुरी हैबुरा है ये जीवन का गीतबैरी पिया है ,बैरी ये प्रीत
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ये किस्से ये कहानियां बचपन जवानियां ज़िंदगी के सब हिस्से यहीं रह जाने है बस कुछ पल कुछ लम्हे ही साथ जाने हैंरूह की तासीर बन कर रूह में चिपक जाएंगे हर बात से जुड़े जज़्बात बस साथ निभाएंगे -
ये किस्से ये कहानियां बचपन जवानियां ज़िंदगी के सब हिस्से यहीं रह जाने है बस कुछ पल कुछ लम्हे ही साथ जाने हैंरूह की तासीर बन कर रूह में चिपक जाएंगे हर बात से जुड़े जज़्बात बस साथ निभाएंगे
भीगी थी तो भीगी भीगी थी हर पहरसूखा इस कदर बरसा इक दफा कि हर बारिश ने नमी छीनी -
भीगी थी तो भीगी भीगी थी हर पहरसूखा इस कदर बरसा इक दफा कि हर बारिश ने नमी छीनी
मूर्खों के साथ तर्क वितर्क में कहे अच्छे से अच्छे शब्द का कोई अर्थ नहीं रह जाता -
मूर्खों के साथ तर्क वितर्क में कहे अच्छे से अच्छे शब्द का कोई अर्थ नहीं रह जाता
रोज़ याद करते हैं कि अब याद नहीं करेंगेरोज़ भूल जाते हैं कि अब भूल चुके हम -
रोज़ याद करते हैं कि अब याद नहीं करेंगेरोज़ भूल जाते हैं कि अब भूल चुके हम
जागी सी आंखों को दे दो ना पलकों की चादर ज़रा -
जागी सी आंखों को दे दो ना पलकों की चादर ज़रा
Sensitive I m sensible -
Sensitive I m sensible
घावों को भरना नहीं चाहिएताज़ा रहे मर्ज और खुद को याद रहे हर चोट तो संभल कर चलने की जो सीख मिले जिंदगी से वो रफा दफा न हो जाए फिर -
घावों को भरना नहीं चाहिएताज़ा रहे मर्ज और खुद को याद रहे हर चोट तो संभल कर चलने की जो सीख मिले जिंदगी से वो रफा दफा न हो जाए फिर
ना जाने कहां चले जाते हैं सबब ज़िंदगी के...एक दफा हंसना मुस्कुराना क्या शुरू कियागम की वो वजहें फीकी पड़ गईसबक की लकीरें छप जाया करे तो बेहतर हो ..रोज़ आइना ज़िंदगी का असल चेहरा दिखाया करे तो बेहतर हो.. -
ना जाने कहां चले जाते हैं सबब ज़िंदगी के...एक दफा हंसना मुस्कुराना क्या शुरू कियागम की वो वजहें फीकी पड़ गईसबक की लकीरें छप जाया करे तो बेहतर हो ..रोज़ आइना ज़िंदगी का असल चेहरा दिखाया करे तो बेहतर हो..
भेदभाव तेज़ तलवार से भी ज्यादा धारदार वार करता है -
भेदभाव तेज़ तलवार से भी ज्यादा धारदार वार करता है