- कुछ करना शुरू तो इसीलिए करते हैं ना कि एक दिन उसका अंत होगा, और उसका परिणाम मिलेगा। अंत का डर ही तो है जो हमसे अनंत होने के प्रयास करवाता है। जब मैं, तू, और कुछ भी कभी अंत होंगे ही नहीं, तो हमारे होने का मतलब ही क्या?
-- अंत का डर नहीं, जीवन का महत्व अनंत होने के प्रयास करवाता है। डरा हुआ आदमी अपने कमरे में कैद रहता है। प्रयास तो वो करते हैं जिन्हें खोज होती है। जा खोज अपने लिए उद्देश्य। अपना महत्व ढूँढ।
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