Abhinaw Sharma   (©अv9)
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Joined 1 May 2018


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5 DEC 2023 AT 8:29

ये रस्मों-रिवाजों, हिसाबों की दुनिया,
ये मज़हब, ज़लालत, हिक़ारत की दुनिया,
हुई क़ैदखाना, मीनारों की दुनिया-
मिले बाँहें फैला, पहाड़ों की दुनिया।

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23 OCT 2023 AT 22:43

यूँ ही नहीं भटका फिरूँ मैं एक अरसा अब हुआ,
सब बोलते अल्हड़ मुझे मैं जानता दस्तूर है।

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21 OCT 2023 AT 21:53

रावण डरा बैठा यहाँ है आज अपने नाम से,
हमसे बुरे भी लोग हैं कहता भला फिर राम से,
भजते सदा हैं नाम तेरा और करते ग़लतियाँ,
मतभेद फैलाकर डराते आज हैं श्रीराम से।

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13 SEP 2023 AT 10:57

दो आशीष करो दया, गणपति आप विशाल।
विघ्न हरो मंगल करो, हे गौरी के लाल॥

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3 SEP 2023 AT 2:16

नींद-ख़्वाब जंतर-मंतर ये जादू-टोना सब,
एक सिरे से आते-जाते भीतर-बाहर सब।

सम्मोहन, मारण, वशीकरण, उच्चाटन सारे,
देख सरलता हट जाते खुद कारण-वारण सब।

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2 SEP 2023 AT 1:28

झूठे वादे बहुत करते हैं,
जब से जानी बुराई अपनी,
आप बड़ाई बहुत करते हैं।
हाल किसी का नहीं पूछें पर,
सुना ख़ुदाई बहुत करते हैं।

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23 AUG 2023 AT 0:13

जागती आँखों में कोई ख़्वाब रखना चाहिए,
जीतना आदत बने पर हार चखना चाहिए।

सिर्फ़ तुम आगे रहो पीछे ज़माना छोड़ कर,
बात जो ऐसी करे बकवास लिखना चाहिए।

ये नहीं कहता मगर ये ही हक़ीक़त ठीक है,
हौसला हो पर न ये उन्माद दिखना चाहिए।

बेहतर खुद को बनाओ है अगर जो ख़्वाब तो,
वास्तविकता ये मगर खुद को परखना चाहिए।

आँख में शम्मी तुम्हारे ख़्वाब जितने भी पलें,
ख़्वाब केवल ख़्वाब ना हों ध्यान रखना चाहिए।

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19 AUG 2023 AT 13:14

किसी सपने के खोने पर,
किसी अपने के जाने पर,
अँधेरी रात होने पर,
घनी बरसात होने पर,
उदासी बात करती है….।

कभी दिल टूट जाए तो,
कि कोई रूठ जाए तो,
अकेलापन सताए तो,
किसी की याद आए तो,
उदासी बात करती है….।

कोई चिंता सताए तो,
किनारा छूट जाए तो,
पुराना घर बुलाए तो,
बदलता कल डराए तो,
उदासी बात करती है….।

फटी सी जेब से अक्सर,
दबी इच्छाओं से डरकर,
किसी संगीत को सुनकर,
ग़ज़ल के भाव से लगकर,
उदासी बात करती है….।

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4 AUG 2023 AT 21:14

ढूँढने कब से लगा हूँ, खो गए सब शब्द मेरे।
क्या पता किस ओर भूले, लापता अब शब्द मेरे।

क्या मदद कुछ तुम करोगे, भाव अक्षर ढूँढने में,
मतलबी से हो गए हैं, अजनबी जब शब्द मेरे।

है ज़माना ये विरोधी, सिर कुचलना जानता है,
हारते तकरार करते, मानते कब शब्द मेरे।

राज की मैं बात बोलूँ, या रखूँ सब राज दिल में,
लिख चुका हर राज लेकिन, रोकते लब शब्द मेरे।

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2 AUG 2023 AT 14:20

जीवन इक सौग़ात है, मन की मिश्री घोल।
खुश होने की बात है, रख लो इसका मोल॥

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