वो इनकार करती हैंमैं इज़हार करता हुँवो मुझे दोस्त मानती हैंऔर मैं उस से प्यार करता हुँ। -
वो इनकार करती हैंमैं इज़हार करता हुँवो मुझे दोस्त मानती हैंऔर मैं उस से प्यार करता हुँ।
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चलो माना की तुम हमारे नहीं हो सकतेपर तुम्हें खोने का ज़िक्र आज भी नहीं करते। -
चलो माना की तुम हमारे नहीं हो सकतेपर तुम्हें खोने का ज़िक्र आज भी नहीं करते।
कभी रंग सांवल देख करतो कभी घर छोटा देख करठुकराए जाते हैं यहाँलड़के भी जनाबपद नौकरी का देख कर!! -
कभी रंग सांवल देख करतो कभी घर छोटा देख करठुकराए जाते हैं यहाँलड़के भी जनाबपद नौकरी का देख कर!!
विद्या ददाति विनयं,ये तो पुराना हो गया हैं,अब नया सुनो👇🏻विद्या ददाति सरकारी नौकरीसरकारी नौकरी ददाति सुंदर कन्या!! -
विद्या ददाति विनयं,ये तो पुराना हो गया हैं,अब नया सुनो👇🏻विद्या ददाति सरकारी नौकरीसरकारी नौकरी ददाति सुंदर कन्या!!
A Name Can Make You,SmileBlushEmotionalWeakHappyYes My Dear FriendsLife Is All AboutThat One NameOne Priceless PersonAnd Infinite Memories🙇🏻♂️ -
A Name Can Make You,SmileBlushEmotionalWeakHappyYes My Dear FriendsLife Is All AboutThat One NameOne Priceless PersonAnd Infinite Memories🙇🏻♂️
मैं खुद हैरान हुँ,इतनी मोहब्बत क्यूँ हैं तुझसेजब भी मोहब्बत का ज़िक्र होता हैंचेहरा तुम्हारा ही याद आता हैं। -
मैं खुद हैरान हुँ,इतनी मोहब्बत क्यूँ हैं तुझसेजब भी मोहब्बत का ज़िक्र होता हैंचेहरा तुम्हारा ही याद आता हैं।
काश की मैं "Sinθ होता और तुम Cosθ"फ़िर Square लगाते ही हम दोनो एक हो जाते। -
काश की मैं "Sinθ होता और तुम Cosθ"फ़िर Square लगाते ही हम दोनो एक हो जाते।
सरकारी योजनाओं सी हो तुम भीजिसे ज़रूरत हैं उसे मिलती ही नहीं😔 -
सरकारी योजनाओं सी हो तुम भीजिसे ज़रूरत हैं उसे मिलती ही नहीं😔
ना ही अनपढ़ रहे ना ही क़ाबिल हुए हमखा-म-खा ऐ इश्क़ तेरे स्कूल में दाखिल हुए हम। -
ना ही अनपढ़ रहे ना ही क़ाबिल हुए हमखा-म-खा ऐ इश्क़ तेरे स्कूल में दाखिल हुए हम।
धीरे-धीरे उस इंसान को ज़्यादा चाहने लगते हैं हमजिसका पहले दिन से ही ना मिलना तय हो। -
धीरे-धीरे उस इंसान को ज़्यादा चाहने लगते हैं हमजिसका पहले दिन से ही ना मिलना तय हो।