Abhi Raj Thakur   (गर्ग अभिराज ठाकुर(अभिषेक)
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Joined 26 December 2020


Joined 26 December 2020
11 MAR AT 22:34

ख्वाब देखा करो
अभ्यास किया करो
अपने पर विश्वास किया करो
तकदीर बदल जाएगी
एकाग्र होकर प्रयास किया करो
कभी ना रोष आक्रोश करो
ख्वाब देखा करो
कभी ना अफसोस करो।
बंद हुई है राहे जिंदगी की
ध्यान लगाकर शांति से प्रयास करो

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10 MAR AT 20:37

खामोशी दिल से पूछो
बीते हर पल से
व्यथित मन से
बहते अश्कों से पूछो
क्या बया करता है दिल
जब अतीत याद आता है
हर दर्द ताजा हो जाता हैं
कुछ पूरी कुछ अधूरी
हर पल पल तड़पता
खामोशी से दर्द का
एहसास जगाता है

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9 MAR AT 12:45

जीवन सुंदर हो जाएगा

जब खुद को स्वीकार
जीवन में मन रम जाएगा
गम दूर निकल जाएगा
देख फ़िर जीवन
कितना सुंदर हो जाएगा
जब मन एकाग्रचित हो
ईश्वर में रंम जाएगा
एक दिन स्वत:
सब दुख गम थम जाएगा
जीवन सुंदर हो जाएगा

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8 MAR AT 13:18

औरत जो कायनात है
देवी रूप में विख्यात है
परम पुरुषार्थ का परमार्थ है
जिंदगी की नायाब सौगात है
औरत जो कायनात है
खूबसूरत जज्बात की
मालकिन संसार की
उसी पर शुरू उसी पर खत्म
सृष्टि की आधार की
सभ्य समाज की सौगात है
औरत जो कायनात है
मोहब्बत त्याग समर्पण से
सभी रिश्तों की रक्षा करती
जिसमें गुण बेहिसाब है
इस संसार की
औरत जो कायनात है
प्राणों का आधार है

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7 MAR AT 20:56

जब अतीत याद आता है
व्यथित मन से
कुछ पूरी कुछ अधूरी
हर दर्द भूल जाता हूं
जब अतीत याद आता है
वो गुजरा हुआ
हर एक पल तुम्हारी
यादों का हर एक
एहसास जगाता है
जब-जब अतीत याद आता है
खामोशी के परदे में
तुम्हारे ख्यालों में
पल दो पल ही सही
चाहत की इच्छा भरपूर
सताता है
जब अतीत याद आता है
जिंदगी जिया ना जाता हैं

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6 MAR AT 20:52

सच और झूठ के बीच
कमर कस कर
संग्राम में उतरना होगा
धर्म विजय की रक्षा के लिए
संघर्ष तो करना होगा
कर्म अगर अच्छे हैं
तो डटना होगा
अपनी पराय की रक्षा के लिए
शस्त्र उठाकर लड़ना होगा

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5 MAR AT 22:03

कम नहीं मेरे लिए
कैसे बया करू
दिल ही दिल में
ख़ामोशी के पर्दे में
सिमट कर रह गए
अल्फाज सभी
ना कुछ कह सके
ना कुछ कर सके
कैसे बयां करूं
दिल ही दिल में
दब कर रह गए
अल्फाज सभी
कैसे बया करू
ख्वाबों के खजाने में
दर्द छुपे एहसांसों की

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5 MAR AT 21:01

दिल में उम्मीद लिए
बेसब्री से इंतजार में
काश कोई होता
पल दो पल ही सही
दिल में उम्मीद लिए
थक हार कर
उड़ चला यह परिंदा मन
प्यार की कश्ती पर सवार
न जाने कब होगी मुलाकात
दिल में उम्मीद लिए
इश्क की गली में
सपने देखते हुए
सुकून की तलाश में
भटका मन इधर-उधर
बस ख्वाब बुनते
दिल में उम्मीद लिए

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4 MAR AT 22:12

चाहत से भरपूर
जिंदगी के यह दस्तूर
मासूमियत से मजबूर
हमसे बहुत दूर
चाहत की इच्छा भरपूर
कहां बैठी हैं हुजूर
आपके प्यार में मशगूल
प्रेमी दिल से हूं मजबूर
एक घड़ी नहीं जाती
यादें आपकी दिल से दूर
चाहत से भरपूर प्यार है पूर्ण

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4 MAR AT 11:57

नया दिन कह रहा है
उठो मुस्कुराओ
सारे दुखों को भूलाकर
चलो नई शुरुआत करो
जो बीत गया वह कल था
जो आज है वही सत्य है
उस सत्य को स्वीकार करो
नया दिन नया सवेरा
नए सवेरा के साथ शुरुआत करो
गर्ग अभिराज ठाकुर (अभिषेक शुक्ल)

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