अगर तुम हो तो घबराने की कोई बात थोड़ी है जरा सी बूंदाबांदी है बहुत बरसात थोड़ी है यह राहे मोहब्बत है इसमें कदम ऐसे ही उठते हैं मोहब्बत सोचने वालों के बस की बात थोड़ी है
तुमको देखने के लिये में अपने छत पर आया करता हूं तुम ना दिखो में रुठ जाया करता हूं कि माना प्यार है तुम को दिलो जान से ज्यादा क्या तुम इसलिए मुस्कुराते हो मेरे रोने से ज्यादा 15,01,2021
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं;
दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं;
मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे;
वो थोड़ा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं!