"आंख रोती है अक्सर हंसते हुऐ चहरे पर""न जाने कौनसे ग़मों का सैलाब आया है" -
"आंख रोती है अक्सर हंसते हुऐ चहरे पर""न जाने कौनसे ग़मों का सैलाब आया है"
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न जाने कितनी मुद्दत से दिल में है ये अमल जारीज़रा सी ठेस लगती है बहुत सा टूट जाती हूँ -
न जाने कितनी मुद्दत से दिल में है ये अमल जारीज़रा सी ठेस लगती है बहुत सा टूट जाती हूँ
कहीं उम्र न बीत जाऐ तेरी राह तकते तकतेए मेरे मसीहा तू लोट के आ जा ............!! -
कहीं उम्र न बीत जाऐ तेरी राह तकते तकतेए मेरे मसीहा तू लोट के आ जा ............!!
तेरी नाराज़गी मुझे अच्छी नहीं लगतीलगता है अब ज़िन्दगी में क़यामत होगी -
तेरी नाराज़गी मुझे अच्छी नहीं लगतीलगता है अब ज़िन्दगी में क़यामत होगी
तेरे बाद कोई हसरत ही नहीं थी दिल कीअब मेरी जान बता किसके सदके उतारूँ! -
तेरे बाद कोई हसरत ही नहीं थी दिल कीअब मेरी जान बता किसके सदके उतारूँ!
तुझ ही से रूठते हैं तुझ ही को याद करते हैंहमें तो ठीक से नाराज़ होना भी नहीं आता -
तुझ ही से रूठते हैं तुझ ही को याद करते हैंहमें तो ठीक से नाराज़ होना भी नहीं आता
बिछड़ कर भी न कभी रहा मुझसे जुदाकाश! वो शख्स हमेशा को मेरा रहता ! -
बिछड़ कर भी न कभी रहा मुझसे जुदाकाश! वो शख्स हमेशा को मेरा रहता !
दिल के आंगन में तुम धूप सुहानी लगते होरात के आसमान में तुम तारा कोई रोशन लगते होबेचैन धड़कनों में तुम कोई एहसास सुकून सा लगते होतुम्हारी शान में अब आयत और क्या कहेतुम मोहब्बत से परे दोस्त मरहम से लगते हैं -
दिल के आंगन में तुम धूप सुहानी लगते होरात के आसमान में तुम तारा कोई रोशन लगते होबेचैन धड़कनों में तुम कोई एहसास सुकून सा लगते होतुम्हारी शान में अब आयत और क्या कहेतुम मोहब्बत से परे दोस्त मरहम से लगते हैं
तेरी खेरियत का ही ज़िक्र रहता है दुआओं मेंऐ मुझसे नाराज़ रहने वाले मेरे मसीहा! -
तेरी खेरियत का ही ज़िक्र रहता है दुआओं मेंऐ मुझसे नाराज़ रहने वाले मेरे मसीहा!
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