आRam Gurjar 🔘   (आRam Gurjar)
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Joined 25 April 2020


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17 HOURS AGO

पता है न!
प्यार चाहे शख़्स से हो या लक्ष्य से त्याग जरूरी है,

कोई त्याग नहीं किया तो फिर
ख़ाक प्यार किया हमने ...

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16 FEB AT 22:24

छोड़ों ना ये सफेद बालों की फिकर कोई तो होगा जो तुम्हारे सुख - दुःख के लिए मरता होगा,
छोडो ना ये घटाते वजन की फिकर कोई तो होगा जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता होगा,
छोडो ना ये चेहरे की सिलवटों की फ़िक्र कोई तो होगा जो सिर्फ तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान पे मरता होगा,
तुम वहीं करो जिससे तुम्हें खुशी मिले क्योंकि कोई तो होगा जो सिर्फ तुम्हारी ख़ुशी पर मरता होगा...

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5 FEB AT 21:21

डेटिंग का नियम:

पुरुष एक महिला के अतीत की परवाह करते हैं।
महिलाएं पुरुष के भविष्य की परवाह करती हैं।

इसे याद रखें और आवेदन करें...

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5 FEB AT 21:04

जब आंसू आपके हों और पिघलता कोई और हो, तो समझ लेना वो रिश्ता उच्चकोटि का है फिर चाहे वो रिश्ता प्रेम का हो या मित्रता का...

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31 DEC 2023 AT 8:15

थोड़ा एडजस्ट कर लीजिए जनाब
फिर साथ जीने का मजा लीजिए

कभी माफ कर दीजिए
कभी माफी मांग लीजिए

कभी अनायास ही मुस्कुरा दीजिए
कभी बेवजह ही गले से लगा लीजिए

कभी अहम को मार दीजिए
कभी वहम को दूर किजीए

छोड़ शिकायतें
जैसी मिली है ज़िंदगी
वैसी ही जी लीजिए

अब थोड़ा तो एडजस्ट कर ही लीजिए...

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31 DEC 2023 AT 8:13

कुछ लोग मिलते हैं जो हमें हमसे ही मिला देते हैं
अपनी प्यारी- प्यारी बातों से हमें अपना बना लेते हैं,
दुनिया की इस भीड़ में सबसे ख़ास लग जाते हैं,

वो हमें सबके बीच ख़ुद को भी
'खुश' और 'संभालकर' रखने के लिए कहते हैं
अपने शब्दों के रूप में सदा हमारे साथ रहते हैं...

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26 DEC 2023 AT 23:41

वास्तविक कठिनाई को दूर किया जा सकता है लेकिन काल्पनिक कठिनाइयों को पराजित नहीं किया जा सकता है...

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2 DEC 2023 AT 22:19

कभी कभी गुस्से या प्रसन्नता के कारण हमारा रक्त प्रवाह तीव्र हो जाता है और हम अपने मूल स्वभाव के विपरीत कोई कार्य करने के लिये तैयार हो जाते हैं और हमें बाद में दुःख भी होता है।
अतः इसलिये विशेष अवसरों पर आत्ममुग्ध होने की बजाय आत्म चिंतन करते हुए कार्य करना चाहिए...

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2 DEC 2023 AT 21:19



प्रेम के अनेक समानार्थी शब्द हैं, जिनमें हैं मानसिक स्पष्टता, करुणा, निस्वार्थ भाव, लचीलापन, ध्यान, स्वीकृति तथा समझदारी। यह इसलिए इतना शक्तिशाली होता है, क्योंकि यह पानी की तरह टिकाऊ और लचीला दोनों होता है। प्रेम संपूर्ण तथा पोषक रूप में लोगों को जोड़कर रखने के लिए जो चाहे रूप ले लेता है। लेकिन इंसान जटिल होता है और हम लोग उत्तरजीवी प्रवृत्तियों के बोझ को ढोते चलते हैं। प्रेम मुक्ति है जबकि आसक्ति नियंत्रण - सभी इंसान जो किसी रिश्ते से बंधते हैं, उनमें इन दोनों का मिश्रण होता है।
जो दर्द हम लेकर चलते हैं, वह प्रेम को बाधित कर देता है। हमें जो तकलीफ़ हो रही होती है उसके लिए प्रेम को दोष देना आसान होता है, लेकिन प्रेम केवल सबकुछ खोल देता है। तकलीफ़ या चोट गहरी मानसिकता और दुर्भाग्यशाली आदतों के कारण पैदा होती हैं, जो हमें सहिष्णु ढंग से अपने आपको दिखाने से रोकती हैं। कोई आदमी प्यार में हो सकता है और यह भी है कि वह उस प्यार की परवाह करने के लिए तैयार नहीं...

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12 NOV 2023 AT 7:19

एक दिन सारी इच्छाएं लेकर, तुमसे मिलने आऊंगा..
जितने भी स्वप्न देखे हैं तुम्हारे साथ, उन्हें पूरा करने आऊंगा..
कल्पनाओं में तुम्हे बस मुस्कुराते देखा है, तो तुम्हारे लिए कुछ आंसू लेकर आऊंगा..
पहली बार मिलूंगा, पर अंतिम मिलन होगा वो तो सारा प्रेम तुम पर उड़ेल आऊंगा...

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