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Joined 13 January 2020


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12 MAY 2021 AT 7:05

एक आदमी,
खुद से,
इमानदार बना।

और
इतिहास की,
पहली कहानी बना।

हरिश्चंद्र...!

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14 MAY 2021 AT 5:07

एक उम्र गुजारी;

माँ के दिये पैसे,
कभी गुल्लक में न गये,
गये तो सिर्फ दुकान पर,
खुशियाँ खरीदने,,
जो गुल्लक में जरूर जाती थीं,
और बढ़ती रहती थीं,,

मजाल है,
पापा का दिया एक पैसा भी,
गुल्लक में न गया हो,,
डर से नहीं,
उनके काँधों की जिम्मेदारियों से,,

अब न माँ है,
न पापा...!

पर आज भी है;
माँ की दी गई गुल्लक,
और भरी हुई खुशियाँ,,
पापा के दिये गये सिक्के,
और मजबूत कन्धे...।

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13 MAY 2021 AT 14:38

मैं...!
चाह कर भी,
गुलाब पर,
कैसे लिखूँ ...?

कमल अभी,
कुम्भला रहा है।

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13 MAY 2021 AT 13:22

मैं वर्तमान के पुल खड़ा,
देखता हूँ,,
अतीत शून्य है,
वर्तमान शून्य भी नहीं,
भविष्य भी शून्य है,,

पर दूर कहीं,
शून्य को ऐंठ कर,
लुढ़का कर,
कोई अकेला अनंत बना रहा है,,

शायद वो तुम हो...!

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13 MAY 2021 AT 12:39

कवि...!
कविता लिखकर,
सो जाता है,,

कविता...!
सदियों तक,
जगाती रहती है,
अध-मुंदी अलसाई पलकों को,,

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13 MAY 2021 AT 11:00

मेरे दोस्त...!

मैं हसीन हूँ,
तुम्हारे ख़्वाबों में,,
तुम मेरी तस्वीर,
मेरे ख़तों की कतरन से बनाते हो,,

मैं खुश नसीब हूँ,
तुमने ख़तों के सिवाय,
कभी कोई तस्वीर भी न मांगी,,

मैं तुम्हारे ख़्वाबों में,
अपना चेहरा देख कर,
बावरी सी हो जाती हूँ,,
कुछ पल को भूल ही जाती हूँ,
मेरा चेहरा एसिड... से बना है...।

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13 MAY 2021 AT 7:53

दान की गई कन्यायें,
हो जाती हैं,
जिन्दा लाशें,,

लाशें चाह कर भी,
चीख़ नहीं सकतीं,,
अगर चीख़ें भी तो,
सुनने वाली होती हैं,
सिर्फ लाशें,,

जो कभी,
बोल ही नहीं सकती,,
दान की गई कन्यायें,
हो जाती हैं,
जिन्दा लाशें,,

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13 MAY 2021 AT 1:07

मैं भी बिक गया,
एक कविता बेंच कर,,

कविता लिख कर,
लगाकर कीमत एक रुपया,,
टहलने निकल गया बाज़ार,,

खरीद-दार ने बिना कुछ बोले,
मुट्ठी में दिया एक रुपया,,
और खरीद कर ले गया मुझे,,

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11 MAY 2021 AT 21:39

दिन जलाता हूँ,
रात सुलगती है,,

तब जा कर,
हिसाब के चूल्हे में,
सुकून की रोटियां पकती हैं,,

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11 MAY 2021 AT 8:14

उम्र ढल गई,
कमाना बंद हुआ,,
अब अपने ही घर में,
कुछ अधिकार छिन गये,,

घर के काम में अब,
हाँथ बटा तो सकते हैं,
पर गलतियाँ नहीं कर सकते,,

हालाँकि गलतियों पर,
कोई, कुछ नहीं कहता,,
पर... दीवारें... अक्सर...,
भरपाई करने को कहतीं हैं,,

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