__dil_k_alfaazz
मेरी ऑखों में उतर आओ,इन्हें संमुदर कर दो।
कुछ देर ही सही,मोहब्बत की नज़र कर दो।।
टूट के यूँ मिलो कि अरमान न रह जाये कोई ।
यूँ मोहब्बत के हर लम्हे को अमर कर दो ।।
हम पे न आये ,कोई कयामत सा वक्त ।
बड़ी मुश्किल है जुदाई,इसे मुख्तस़र कर दो।।
दुनिया की तलब नही , मगर ये हसरत है हमारी ।
अपनी बाहों में लो,दुनिया से बेखबर कर दो।।
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