........ !!   (( Yash_Fa ))
260 Followers · 59 Following

read more
Joined 25 July 2021


read more
Joined 25 July 2021
6 OCT 2023 AT 17:55

ये हकीकत किसी की जुबान नही, हिम्मत मगती है,,,,
खुद के इकरार के लिए हर रोज हमे सताती है!!

ख्वाबों को कभी खुद के मुकाबले आसानी से न आने दे,,
पर अपने हर मुस्तबिल में ये ख्वाबों को लिखती है!!

आईने से दोस्ती कर हर रूप को उसका रंग दिखाया,,
पर कुछ रंगों के मिलावट से खुद बेरंग सी हो जाती है!!

नहीं है कद्र किसी को उसकी ये वह बखूबी जानती है,,
फिर भी सबके नसों को खुद से वाकिफ कराना चाहती है!!

जानती है उसके अस्तित्व का भी सबूत मांगेगा ये जमाना,,
फिर भी खुद को क्यों ग्रंथों में सब की ताकत कहती है !!

चाह कर भी ये खुद से उस पल वफादार नही होती,,
जब ओहदे की ताकत इसके दामन को थाम लेती है!!

चीखती है, चिल्लाती है पर समुंद्र से भी ख़ामोश रह कर,,,
उसकी मंजिल तो और है हर गहराई को मात देती है !!

नजाने ये कैसा जहर घुला है इन फिज़ाओं के हवाओं में,,
खुद को मौन रखते रखते एक दिन यह जमाना छोड़ देती है!!

हकीकत किसी की जुबान नही हिम्मत मगती है,,
खुद के इकरार के लिए हर रोज हमे सताती है!!

-


15 JUL 2023 AT 14:39

खुले आसमां के अधूरेपन की आदत नही,,,
गैरत से बड़ा यहां कोई अमानत नही!!

जिंदगी काटने और जीने में फर्क होता यशफा,,,
यहां रूहों के इंसाफ का कोई अदालत नही!!!

-


14 JUL 2023 AT 22:19

पन्नों में कोई हमे पिरोह सके ऐसा कोई दास्तां कोरा नही,,,
गालिब हम तो आदत है हमारे बिन किसी का सवेरा नही!!!

-


14 JUL 2023 AT 22:12

डर लगता है अपने जज्बातों को कबूल करने से,,,
बहुत मुश्किल से कभी खुद को मजबूत बनाया था!!!

-


5 JUL 2023 AT 23:22

कैसे लिखूं इन पत्तों की दस्तूर ये तो खुद में ही अधूरी है,,,
कुछ के खुदगर्ज़ी के खिलाफ हो ये सड़कों पे बिखरी है!!

-


25 JUN 2023 AT 9:32

हाथों की लकीरों से तक़दीर के फैसले ना करना मुर्शद,,,,

हमने तो तक़दीर फूलों की भी देखी कभी मय्यत तो कभी पालकी मिलती उसे!!!!

-


16 JUN 2023 AT 20:49

कितना फ़र्क है हमने और तुमने फिर भी तर्क क्यों देते हो,,,
मैं नहीं कहती औरत श्रेष्ठ है फिर क्यों मर्द को ही श्रेष्ठ कहते हो!!

कायनात ने जब हम समस्त मनुष्य जन को पांच तत्वों से ही बनाया,,,
फिर क्यों हमारे अस्तित्व किसी और के अस्तित्व में ढूढते हो!!

सोने के पिंजरे में कैद नन्ही चिड़ियां भी पंख के बिना फरफरती है,,
किस सदी की सोच रखकर हमें आज में आजमाते हो,,,

डर लगता है आज भी सुनसान रास्तों से अकेले आने में,,
सब की सोच तो उत्तम है हाथ कोई और पकड़े सवाल हमपे उठाते हो!!

खोट हम में नहीं देखने वाले के नजर व किरदार में होता है,,,
फिर भी जमाने भर की हिदायतें हमारे हक में दे देते हो!!

कितना सवाल पूछते हो ना एक मिनट देर आ जाने से,,,
क्या कभी नवाबजादों से पूछे कि तुम रात रात भर कहां रहते हो!!!

पूछा था कभी किसी से सवाल की मर्द इद्दत में क्यों नहीं बैठते,,,
बड़ा अजीब जवाब मिला क्योंकि वो कभी गर्भ से नही होते है!!!

दिन गुजर गया पर कभी समझ नहीं आया वह जवाब ऐसा क्यों था,,,
पर कुछ सवाल गुजरे वक्त के साथ अपने आप ही सुलझ जाते हैं!!!

कल तक खामोश थे आज खुद का ही कत्ल कर दिया है,,,
जुबान खोलो तो बदतमीज ना खोलो तो घमडी कहलाते हैं!!


- ( Yash_Fa )




-


9 JUN 2023 AT 16:05

"Aksar Is duniya me sach ko Bishwas aur jhut ko safai dene ki jarurat padti hai "

-


7 JUN 2023 AT 20:21


अधूरे से आसमान में रंग भरता है कोई,,,
वक्त के साथ खुद को ही भूलता है कोई!!

कुछ पाने और कुछ खोने के इस जंग में,,,
कतार में पीछे खड़ा खामोश रहता है कोई!!!

ज़िंदगी के हर हसीन धोखे से रूबरू हो,,,
एक पल का खुद से सुकून मगता है कोई!!!

सवालों का शोर है तो जवाबों का मझधार,,,
अपने हर दिन को सुलझाना चाहता है कोई!!!

एतबार नही तक़दीर में दर्ज उन दस्तानों पे,,,
अपने हर पन्ने को हर लम्हा दरुस्त करता है कोई!!!

उजाले और अंधेरे को जान कर भी अनजान,,,
खुद को गहरे काले साए में ढकेलता है कोई!!!

आंसुओ को तेजाब बना फना किया खुद को,,,
भीड़ में घुटन तो ख़ामोशी में जीता है कोई!!!

अधूरे से आसमान में रंग भरता है कोई,,,
वक्त के साथ खुद को ही भूलता है कोई!!


- ( Yash_Fa )



-


29 MAY 2023 AT 19:45



किसे अपना कहे और किसे पराया समझ नही आता मुर्शद,,,,,,
वो मतलब ही है जिसने अग्यारों के आंखों ने भी हमे शाखा बताया!!!

-


Fetching ........ !! Quotes