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सफर की शुरुआत
अनदेखी मंज़िल की तलाश
Joined 18 May 2020


सफर की शुरुआत
अनदेखी मंज़िल की तलाश
Joined 18 May 2020
12 DEC 2023 AT 22:19

अपने पास बुला लो मुझे
थोडा खास बना लो ना मुझे
मोहलत दो ज़रा चाहत निभाने की
तब तलक सुकून-ए-दिल का एहसास बना लो मुझे

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6 DEC 2023 AT 21:20

रात थी अन्धेरा था आँखे बंद थी पर सो नही पाया
खोल कर दिल अपना कभी कुछ बोल भी नही पाया
बहुत कुछ था अंदर जो आतुर था नम आँखो से बाहर आने को
पर लड़का था साहब इसलिये ज़माने के सामने रो भी नही पाया

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3 DEC 2023 AT 17:38

उन्होने बनाया दलदल मिटाने को तुम्हे
तुम बनके कमल खिल जाना वही

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29 MAY 2022 AT 10:07

लबो से पहले माथे को चूम जाता है
कमियाँ सारी छुपाकर इलाही मुझे बनाता है
यूँ तो बहुत सी आँखे है जिस्म से गुजरती हुई
वो खास है जो बिन छुए रूह मे उतर जाता है

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8 FEB 2022 AT 10:58

सवेरे ने आ कर घने कोहरे को समेटा है
धरती ने फूलो की ओढनी को लपेटा है
हवाओ ने फिज़ाओ मे इत्र को भी फेंका है
देख कर तडप मेरी समझा नही यार मेरा
इश्क़ का मौसम है और वो दूर बैठा है...

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20 MAY 2020 AT 14:00

#Lockdown
°°मेरा शहर°°
गुलाबी सी रंगत इसकी कल पाक हवा से सँवर गयी
चंचलता थी पहचान जिसकी खामोशी से सिहर गयी💝

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21 NOV 2021 AT 10:47

खुशियाँ तुम्हारी, तुम्हारे अपनो को अखरती है
गर उनकी मर्जी की खिलाफत हो💔

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19 SEP 2021 AT 22:42

मै बिखरा था मै फिसला था, संभला नही मै टूट गया
दिल भी टूटा सुकून भी रूठा, साथ जो तेरा छूट गया
कुछ मिले मुसाफिर राह मे, फिर उम्मीद जगा कर बैठ गया
पर समझा ना मुझे तुझसा कोई, सपने जले चुप मै हो गया
फूल भी सारे शूल बने, ना निखर सका मै सिमट गया
तू गया छोड गया कुछ ऐसे, संग ख्वाब भी सारे लूट गया

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2 JUL 2021 AT 22:21

दीद हुआ उनका कुछ इस कदर कयामत ढा रहे थे
आसमां के चाँद से भी ज्यादा खूबसुरत नज़र आ रहे थे
महफिल मे सारे ज़हां की नजरें थी यार पर मेरे
फिर भी वो मुझमे ही मशगूल अपनी मोहब्बत निभा रहे थे❤

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29 MAY 2021 AT 22:14

आरम्भ भी तू है अन्त भी तू, तू मेरी सोच की सीमा है
है तू दुआ अरदास भी तू, तू ही इबादत का जुम्मा है
साज़ भी तू आवाज़ भी तू, तू मेरे ख्वाबो का नगमा है
है मीरा जैसा प्रेम भी तू, तू मज़हब-ए-इश्क़ का कलमा है

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