और उस दिन गाँव के लोग, मिटटी, फूल, तालाब, खाली ज़मीन, खाली वक़्त, सब बहुत याद आ गया था। एक झटके से लगी चोट की तरह झटके से आयी याद भी, कई रग झन्ना देती है
तीन साल की हो गई बिल्ली बोली स्कूल में जाऊँ बीच राह में मिल गया कुत्ता बोला भाऊँ भाऊँ स्कूल में सारे बोले "मे आई कम इन मैडम?" बिल्ली दरवाज़े से बोली "मैडमजी मैं-आऊँ?" "मैं-आऊँ?" "म्याऊं म्याऊं म्याऊं!"