मेरी हसरतों को तुम क्या रज़ा दोगे,हमने शायरो वाली महोब्बत की है,न रहे गर तो तमको भी अमर कर चलेंगे || - yashu
मेरी हसरतों को तुम क्या रज़ा दोगे,हमने शायरो वाली महोब्बत की है,न रहे गर तो तमको भी अमर कर चलेंगे ||
- yashu