28 MAY 2017 AT 23:41

ऐ पथिक भयभीत ना हो समय की ललकार से,
दृढ कर, तू कर शपथ ओर बात ये जान ले,
काल के इस चक्र मे श्रृंगार उसका होता है,
काल के विपरीत भी जो निडर अविरत होता है।

- वत्सie