अनजाने सायें उसे खोफज़दा करते रहे,जो मुखोटें पहने चेहरों से मुखातिब हुई,सायों से नेकी की उम्मीद हो गयी।-वैदेही खंडेलवाल -
अनजाने सायें उसे खोफज़दा करते रहे,जो मुखोटें पहने चेहरों से मुखातिब हुई,सायों से नेकी की उम्मीद हो गयी।-वैदेही खंडेलवाल
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