वो भीग रही थी बारिश में,उनके खुमार में भीगे हम,बूंदे पानी की बदन पर उनके,लगे जैसे फूलों पर हो शबनम। - असद अकबराबादी
वो भीग रही थी बारिश में,उनके खुमार में भीगे हम,बूंदे पानी की बदन पर उनके,लगे जैसे फूलों पर हो शबनम।
- असद अकबराबादी