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Among many, few remains.-Vaibhav Asad -
Among many, few remains.-Vaibhav Asad
किताबों में लिक्खी कहानी के जैसेवरक़ दर वरक़ दर वरक़ याद हो तुम -
किताबों में लिक्खी कहानी के जैसेवरक़ दर वरक़ दर वरक़ याद हो तुम
कोई रब्त मन से बना ही न पाया कभी रेत का घर बनाया था मैंने -
कोई रब्त मन से बना ही न पाया कभी रेत का घर बनाया था मैंने
क्या हाल कर गईं हैं वो रुसवाईयाँ कि बसमैं मर गया हूँ और मैं मर भी नहीं रहा -
क्या हाल कर गईं हैं वो रुसवाईयाँ कि बसमैं मर गया हूँ और मैं मर भी नहीं रहा
नज़रें हो गड़ीं जिनकी वसीयत पे दिनो-रातमाँ-बाप कि उम्रों कि दुआ खाक़ करेंगे -
नज़रें हो गड़ीं जिनकी वसीयत पे दिनो-रातमाँ-बाप कि उम्रों कि दुआ खाक़ करेंगे
ज़ुल्फ़ के इन पेचो-ख़म का मस'अला यूँ है 'असद'ये उलझना बंद हों तो दिल उलझना बंद हों -
ज़ुल्फ़ के इन पेचो-ख़म का मस'अला यूँ है 'असद'ये उलझना बंद हों तो दिल उलझना बंद हों
दी माज़ी ने दस्तक तो हैरां हुए हमबड़ा खुश मिज़ाजी रवय्या था अपना -
दी माज़ी ने दस्तक तो हैरां हुए हमबड़ा खुश मिज़ाजी रवय्या था अपना
यूँ खुद के दर्द की टीसें भला कब तक लिखोगे तुमकभी औरों के दर्दों को नहीं समझा तो क्या समझा -
यूँ खुद के दर्द की टीसें भला कब तक लिखोगे तुमकभी औरों के दर्दों को नहीं समझा तो क्या समझा