ज़िंदगी का तो पता नहीं, सिर्फ तारीखें बदल रहींसरजमीं को बांटती चंद यह लकीरें नहीं बदल रहीं -
ज़िंदगी का तो पता नहीं, सिर्फ तारीखें बदल रहींसरजमीं को बांटती चंद यह लकीरें नहीं बदल रहीं
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