QUOTES ON #ज़िन्दगानी

#ज़िन्दगानी quotes

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26 AUG 2019 AT 16:06

माना कि दो पल की है ज़िन्दगानी
बाकी है अभी हमारी कहानी

कुछ अधूरे सपनें कुछ अधूरे सवाल
कभी हँसाती कभी रुलाती ज़िन्दगानी
ये दुःख और सुखों के दिन रात
फिर भी मौजों में रहती है एक रवानी
दो पल की है ज़िन्दगानी

कुछ पलों में जीना और मुस्कुराना
साथ है अपना तो लड़ते जाना
कट जायेगी रातें फिर नयी सुबह का आना
उम्मीदों में है कितनी परवानी
बाकी है अभी हमारी कहानी

हाथों में हाथ और क़दमों का साथ
कट जायेगा सफर मंज़िल आयेगी नज़र
पूरी होगी हमारी ये अधूरी कहानी
अभी बाकी है ज़िन्दगानी

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14 FEB 2018 AT 19:50

तुम्हारे बिन जीने का तरीका खोजूँ तो कैसे खोजूँ मैं
मेरा सुक़ून भी तुम, जान भी तुम, ज़िन्दगानी भी तुम

- साकेत गर्ग 'सागा'

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22 JAN 2018 AT 12:23

अब जब हमसफ़र भी वो, रहगुज़र भी वो, मंज़िल भी वो
तो क्यों न यह ज़िन्दगानी बस उन्हीं पर फ़ना कर दी जाये

- साकेत गर्ग 'सागा'

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22 MAR 2017 AT 2:19

इतेफ़ाक से मिलते-मिलते
जाने कब
तुमसे 'वो मुलाक़ात' हो गयी,
मुलाक़ात करते-करते
जाने कब
तुमसे 'वो बात' हो गयी
बात होते-होते
जाने कब
तुम 'मेरे जज़्बात' हो गयी
जज़्बात बनते-बनते
जाने कब
तुम मेरी 'हर रात' हो गयी

अब हर रात भी तुम हो
ख़्वाब-ओ-ख़्यालात भी तुम हो

मेरी सारी ज़िन्दगानी
मेरी रवानी
मेरी कहानी भी तुम हो
- साकेत गर्ग

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6 OCT 2017 AT 16:16

एक फ़लसफ़ा मेरी ज़िन्दगानी का,
टूटा हुआ दिल हैं, और आँखों में है कतरा पानी का..

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6 DEC 2017 AT 8:59

मेरे तंज को अपनी ज़ुबाँ में शामिल मत करना
हो जाएगा बेअसर मेरी मुहब्बत की तरह
देख लेना मिरा इश्क़ न सर चढ़ जाय कभी
बन फ़साना रह जायेगी मिरी ज़िन्दगानी की तरह

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25 OCT 2017 AT 11:17

वो झील सा ठहरा हुआ
मैं पवन सी वाचाल।

वो समुंदर सा शांत
मैं झरने सा शोर गुल करने वाली।

वो ख़ामोशी का पुजारी
और मेरी बक बक से पूरी दुनिया हारी।

पर फिर भी एक दूजे बग़ैर
अधूरी है ज़िन्दगानी हमारी।


सुवर्णा




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16 DEC 2018 AT 10:15

मेरा पसंदीदा दिसंबर का महीना है
तन्हाई साथ हमदर्द की तरह है,
गर्माहट है कुछ सुलगते ग़मों की
चाय की महक ने यादों को छुआ है,
ना कुछ खोने के लिये बचा है अब
ना ही पाने के लिये कुछ अपना सा है,
डर किसी बात का नहीं जिन्दगी में
लोगों से भी राबता कुछ कम हुआ है,
एकाध रिश्ते हैं जो जुड़े हैं रूह से
सिर्फ़ एक अहसास मासूम जिम्मेदारी का है,
कोइ शख्स नहीं,हमराज़ मेरी एक डायरी है
उसमें कुछ बनती हुई गज़ल और शायरी है,
आधी उमर जी ली मैंने इन्हीं सब बातों में
अभी आधी उमर की जद्दोजहद जारी है
पहले शिकवा था किस्मत से बेहद मग़र
अब जाने क्यों सुकून से भरी जिन्दगानी है❤

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10 OCT 2020 AT 23:03

सच तो ये भी है कि
एक ही ज़िन्दगानी मे
नाजाने कितनी कहानियां बनती हैं!
कुछ उदासियों मे लिपटी
कुछ खुशनुमा पलों का
एहसास बनती हैं!

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30 MAY 2017 AT 10:21

यादों पर ज़िंदा और यादों के मारे तो शायद सब है
बस कुछ लोग पुराने यादों को छोड़ आगे बढ़ जाते है
कुछ लोग यादों को ही ज़िन्दगानी बना लेते है

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