QUOTES ON #ख़ुद

#ख़ुद quotes

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4 JUL 2020 AT 21:22

इश्क़ की तलाश में
ख़ुद का सफ़र भूल गया..

मंज़िल मिली नहीं मुझको
अपनो का दामन छूट गया..

सोचा था आँख खुलेगी मेरी उनके बाहों में
ख़ुशी के मारे दिल धड़कना भूल गया..

हाथों में हाथ थामकर चलने वाला था उनके साथ
न जाने कब रिश्तों का डोर टूट गया..

प्यार मोहब्बत बांटने वाला इंसान
आज ख़ुद अपनी सांसों से रुठ गया..!

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23 OCT 2018 AT 11:52

आज भी नहीं छुपा पाता अपने जज़्बात में उनके आगे
उनके आगे मैं हमेशा, जैसा हूँ वैसा ही हो जाता हूँ
उनका नहीं था तब भी, उनका हो गया तब भी
सारी दुनिया समझती है मुझे बे-दिल बे-जज़्बात
मैं केवल उनसे ही अपना अक्स साझा कर पाता हूँ
अश्क़ भी केवल उनके आगे बहाता हूँ
बचपना भी एक उन्हें ही दिखाता हूँ
हक़ जताता हूँ, बे-हद जताता हूँ
रूठ जाता हूँ, कभी उन्हें मनाता हूँ
गुस्सा है तो गुस्सा, प्यार है तो प्यार
सब केवल उनसे दिल खोल ज़ाहिर कर पाता हूँ
गुस्सा यूँ ही नहीं होता उनसे
उन्हें सुनाने के मन से, यूँ ही नहीं रूठ जाता हूँ
केवल उनकी फिक्र का मारा हूँ, इसलिये परेशान हो जाता हूँ
आज भी है उनका, मुझ पर उतना ही हक़
मैं भी तो बस उन पर, फ़िर से वही हक़ चाहता हूँ
फिक्र रहती है मुझे उनकी, ख़ुद से ज्यादा
बस यह बात आसान शांत लहजे में नहीं कह पाता हूँ
उनका दूर जाना मुझसे, मुझसे कटना या मेरा हक़ किसी और को दे देना
थोड़ा-सा भी मैं, ना जाने क्यों आज भी सह नहीं पाता हूँ
न-जाने क्यों मैं ऐसा हूँ, क्यों ख़ुद को नहीं बदल पाता हूँ
है बस इतना पता कि फिक्र है उनकी
मैं उन्हें आज भी बे-हद, बे-हद और बे-हद
बे-हद क्या, मैं आज भी उन्हें ख़ुद से ज्यादा चाहता हूँ
- साकेत गर्ग 'सागा'

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30 DEC 2019 AT 6:38

ख़ुद को फिर से खड़ा करना है।
हर रोज़ कुछ बड़ा करना है।
भूल जाओ गणित पाप पुण्य का,
बह रही है जिंदगी, और घड़ा भरना है।

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2 NOV 2019 AT 7:30

देखता हूँ जब मैं ख़ुद की बुराइयाँ
मुझे दुनिया अच्छी लगने लगती है

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23 AUG 2018 AT 18:33

ख़ुदा बच कर निकल गया
मुझे खुद में उलझा कर

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19 FEB 2019 AT 22:35

ख़ुद से ख़ुद तक आ न सके हम
ख़ुद से ख़ुद तक जा न सके हम
ख़ुद ही ख़ुद में खो गये इतना
ख़ुद को ख़ुद में पा न सके हम

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23 JUL 2018 AT 8:25

ख़ुद से ख़ुद को जो अलग कर दिया मैंने
ख़ुद से मेरी मुलाकात मुमकिन हो गयी

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1 AUG 2017 AT 13:24

ढूँढने मत निकलना
मैं अब मिलूँगा नहीं

मैं खो चुका हूँ
ख़ुद में ही कहीं

- साकेत गर्ग

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5 FEB 2019 AT 23:04

छोड़ गये वो ख़ुद का बनाकर
छोड़ गये वो खुद सा बनाकर
उन्हें खुद से नफ़रत है शायद

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23 MAY 2019 AT 6:47

ढूँढता नहीं ख़ुद को, किसी की शायरी में
बन्द रहता हूँ मैं तो, अपनी ही डायरी में

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