फुरसत मिले तो कभी खुदको ढूँढ़ना समुन्दर जितने गहरे दिल का हाल पूछना झील सी आँखो को देखना बच्चे से मन को बुलाना फुल सी नाज़ुकी होठ को महसूस करना शहद सी मिठास बातों को समझना चांद सा रोशन चहरे को देखना जिस्म का अहसास रूह से करना नज़रिये के फ़र्क़ को समझना याद में डूबे ख्यालो से मिलना हो सके तो खुद को मुझे में ढूंढ़ना।
प्यार में वफ़ा की उम्मीद तो सब करते हैं , पर खुद वफादारी करना भूल जाते हैं ; कहाँ तक सही है रखना वफा की उम्मीद एक तरफ से कभी तो वफा के बदले वफा करो दिल से ; सफर आसान हो जाएगा प्यार से प्यार हो जाएगा !!
हक तो बहुत है, पर कह नहीं सकता। कह दिया अगर, कायनात में, तूफान आ जाएगा। बस कुछ सोच कर, लबों पर लॉक लगाता हूं, कोई दुःखी ना हो जाए, यही सोच कर, मैं मेरा जज्बात, दबा जाता हूं।