Hans Raj 28 JAN 2017 AT 21:24 मैंने सीधा-सादा सवाल पूछा थाजवाब में 'हाँ' से ज्यादा शर्तें है ।। - Hans Raj 26 MAR 2019 AT 21:55 ये भी है कि मंजिल तक पहुंचे नहीं हैं हमऐसा भी नहीं है कि सफर ख़त्म हो गया ।। - Hans Raj 27 DEC 2019 AT 20:21 ऐसे तो नहीं तेरी-मेरी बात बनेगीएक मोड़ पे आओगे तो शुरुआत बनेगी।अब तक हमारे हिस्से तो बस चार पहर हैंजब आठ पहर हों तभी तो रात बनेगी ।। - Hans Raj 7 NOV 2019 AT 10:39 मैं गाँव से अचानक निकल तो पड़ता हूँगाँव को मुझसे निकलने में वक़्त लगता है।। - Hans Raj 5 NOV 2019 AT 21:43 गाँव से निकलते हुए सारा सामान बिखेरकरजो मैं समेटता हूँ तो सिर्फ मेरा देहातीपन ।। - Hans Raj 19 OCT 2019 AT 21:02 जब मिली है इसी हालात में मिली है हमेंये उदासी भी तो सौगात में मिली है हमें ।उसके आगे फीका है तमाम जीत का जश्नवो एक मात जो शुरुआत में मिली है हमें ।। - Hans Raj 22 DEC 2016 AT 14:54 दो दफ़ा दिल को दांव पर लगाया थाऔर, दोनों ही दफ़ा इश्क़ की बाजी हारे । - Hans Raj 9 JAN 2020 AT 21:12 तुमने ये कैसे सोचा कि चेहरे के लिए थेजितने भी थे जज्बात सब रिश्ते के लिए थे ।ख्वाबों पे भी पाबंदियां, जंजीर पाँव मेंहम जैसे परिंदे तो नहीं पिंजरे के लिए थे ।। - Hans Raj 20 OCT 2019 AT 20:10 चलो, कहते हो कुछ तो सुन रहा हूँमगर मैं फैसला तो कर चुका हूँ ।किसी से अब कोई शिकवा नहीं हैमैं अपने आप से रूठा हुआ हूँ ।। - Ziddi Satya 17 DEC 2017 AT 9:54 सुबह से शाम था ख़्वाबों का सफ़रनामाफिर सारी रात चलता रहा यादों का सफ़रनामा -