कि तिनका तिनका बिखर गए हम... प्यार के बदले प्यार की उम्मीद में आंसुओं के घूंट पी गए हम... बस एक तुझे पाने की ख्वाहिश में यूं ही तन्हा हो गए हम... .... ना तू मिला होता और ना ये तन्हाई की सज़ा.......
पाई .... जब भी जीवन मे आगे बढ़ने की हिम्मत है जुटाई... खुदाई ने भी तोड़ने की पूरी साजिश है रचाई, इक तरफ तो खुशियो का सवेरा लेकर है आई..... दूसरी ओर अनमोल हीरा छीनकर तबाही मचाई।।।