जिशमानी ईश्क नहीं,
ईश्क- ए- रूहानी हूं मैं,
तेरे जिन्दगी के किताब की
चंद पन्नों कि कहानी हूं मै,
यूं तो तेरे जिन्दगी का हिस्सा हूं
पर तेरे लिए अनजानी हूं मैं,
जो तेरे ईश्क में मुझे मिला है,
रातों में चुपके- चुपके,
आंखों से बहता पानी हूं मैं,
तुम दुख देते रहो,
लिखना आसान होगा,
तभी तो कलम- ए- कागज में,
ईश्क जफा होगा,
तुम्हारे दिए गए आसूंओं से,
मेरी कविताओं में इजाफा होगा,
मुझसे दूर जाओगे,
ख़ुद से भाग कर कहां जाओगे,
सांस जो लोगे हर पल तुम
हर सांस मे मुझे पाओगे,
मेरी जिन्दगी के कहानी में ,
तो हो ही अब तुम,
पर तुम्हारे जिन्दगी के कहानी मे भी,
एक आख़िरी पन्ना हमारी होगी..!!
सोनम साहू
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