यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारे बिन नहीं रह सकती,
फिर भी तुम मुझे सताते हो,
यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारी दूरी नहीं सह सकती,
फिर भी तुम मुझसे दूर रहते हो,
यह जनते हुए भी की,
मैं तुम्हारी आवाज़ सुने बिन
नहीं रह सकती,
फिर भी तुम अपनी आवाज़ सुनाने
के लिए मुझे तरसाते हो।।
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