QUOTES ON #शख़्स

#शख़्स quotes

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26 JUL 2018 AT 7:26

वो जो कहता था, कि हर राज़ सिर्फ़ तुमसे कहता हूँ..
शख़्स वो राज़दार था ही नही ।।

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24 AUG 2018 AT 2:57

चुप बैठे रहकर भी भागता रहता हूँ
बंद आंखों में भी जागता रहता हूँ

बस एक शख़्स के पास न होने से
सब कुछ होने पर भी मांगता रहता हूँ।

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31 AUG 2020 AT 20:35

तेरी दी गई ज़िन्दगी तुझे मुबारक मेरे खुदा,
अब इसे जीने की तमन्ना ना रही ।
कब तक सीधी चलूँ इन टेढी लकीरों पर ,
अब मैं इन राहों की मुसाफ़िर ना रही।
दोहरे चेहरे ही दिखे तेरी दुनिया में सभी के ,
अब किसी सच्चे शख़्स की फ़रमाइश ना रही।

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15 APR 2019 AT 0:27

एक ख़ुशबू हवा में है बिखरी बिखरी सी
चुपके से देख कर मुझे मुस्कुराया है कोई

दोनों चाँद देखकर मिलते हैं अलग शहरों में
हक़ीक़त में मिलने ख्वाबों में आया है कोई

दिनभर बातें सुख दुःख बाँटना एक दूसरे का
घर के कोनों में एक शख़्स समाया है कोई

उठाते हैं फिर छोड़ आते हैं सूरज को सांझ में
रात की रोटी चाँद की थाली में लाया है कोई

लड़ता हूँ झगड़ता हूँ रूठ जाता हूँ उससे मैं
मुझे प्यारा सा गीत गाकर मनाया है कोई

मालूम है कुछ दिन का ही सुकून है ये सब
ये यादें साथ रहेंगी जैसे अपना साया है कोई।

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5 NOV 2018 AT 14:42

मैं रोज़ लिख तो दूँ कुछ नया सा
पर वो शख़्स अभी भी वैसा ही है।

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7 JAN 2018 AT 5:32

प्रेम उसका समाचार बन गया
पत्र उसका अखबार बन गया
हर शख़्स थानेदार बन गया
और वो गुनहगार बन गया

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21 OCT 2018 AT 22:25

ये कविताएँ बार बार मुझे मुझसे मिलाती हैं

और एक वो शख़्स है
जो बार बार मुझे मुझसे दूर ले जाता है

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30 APR 2017 AT 18:01

ऊब जाता हूँ जब भी मतलबी दुनिया के फ़रेब से
देख लेता हूँ आईना करीब से

अपनी पहचान का एक शख़्स मिल जाता है वहाँ
- साकेत गर्ग

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29 OCT 2019 AT 23:14

सहते-सहते
जब मर जाएँ अन्तर्व्यथायें
पीड़ा, दुःख, उदासी
इन शब्दों से ऊबने लगे मन
और
ख़ुशी का भी एक लम्हा लुभाये नहीं..
मैं सोचती हूँ वो शख़्श
इस दौर तक आने के लिए
किस-किस दौर से गुज़रा होगा..

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18 APR 2018 AT 5:06

तू कोई और है
वो कोई और है
कैसे हो सकते हैं
दो शख़्स एक ही अक्स में

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